Electricity crisis: 16 राज्यों में 10 घंटे का शट डाउन, कोल सप्लाई के लिए 42 पैसेंजर ट्रेनें रद्द, डेडिकेटेड कॉरिडोर्स पर भी काम जारी

Electricity crisis: कोयले की तेजी से पहुंचाने के लिए अब तक 42 ट्रेनों (passenger trains) को अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया है। इसका परिणाम ये होगा कि ("war-footing" actions to carry coal) कोयला ले जा रही मालगाड़ियां समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी और बिजली की आपूर्ति को जारी रखा जा सकेगा। वहीं रेलवे ने कहा है कि रेलवे अपने बेड़े में एक लाख वैगन और जोड़ने जा रहा है। वहीं रेलवे माल को फटाफट पहुंचाने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स भी बना रहा है। वजह ये कि पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला अस्थायी है और स्थिति सामान्य होने के बाद पैसेंजर ट्रेने बहाल कर दी जाएंगी।
Electricity crisis: 16 राज्यों में 10 घंटे का शट डाउन, कोल सप्लाई के लिए 42 पैसेंजर ट्रेनें रद्द, डेडिकेटेड कॉरिडोर्स पर भी काम जारी

प्रचंड गर्मी के कहर के कारण देशभर में बिजली की मांग इन दिनों बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी ओर देश में एक चौथाई पावर प्लांट शट डाउन (Power Cuts) हो चुके हैं। इसका परिणाम ये हुआ है कि देश के 16 राज्यों में 10 घंटे तक का इलेक्ट्रिसिटी कट शुरू हो चुका है। सरकारी रिकॉर्ड की मानें तो देशभर के इन 16 राज्यों में 10 हजार मेगावॉट, यानि कि करीब 15 करोड़ यूनिट की कटौती की जा रही है, लेकिन हकीकत में बिजली की कमी कहीं ज्यादा है।

इस बीच रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है... वो ये कि रेलवे की ओर से पावर प्लांट्स तक कोयले की तेजी से पहुंचाने के लिए ( coal shortages) अब तक 42 ट्रेनों को (passenger trains) अनिश्चित काल के लिए रद्द कर दिया है। इसका परिणाम ये होगा कि कोयला ले जा रही मालगाड़ियां समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगी और बिजली की आपूर्ति को जारी रखा जा सकेगा।

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डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स भी हो रहा तैयार

भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि रेलवे अपने बेड़े में एक लाख वैगन और जोड़ने जा रहा है। वहीं रेलवे माल को फटाफट पहुंचाने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स भी बना रहा है। वजह ये कि पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला अस्थायी है और स्थिति सामान्य होने के बाद पैसेंजर ट्रेने बहाल कर दी जाएंगी।

दिल्ली के प्लांट्स में एक दिन का ही स्टॉक

मंत्री जैन के अनुसार राजधानी के प्लांट्स में एक दिन का ही स्टॉक बचा है। दादरी-2 और ऊंचाहार बिजली स्टेशनों से बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है। वर्तमान में दिल्ली में बिजली की 25-30% मांग इन बिजली स्टेशनों से ही पूरी की जा रही है। इन स्टेशनों में पिछले कुछ दिनों से कोयले की कमी है। ऐसे में समस्या कभी भी गहरा सकती है।

NTPC ने कहा 5 यूनिट्स पूरी क्षमता से चल रही

NTPC ने कहा दादरी की सभी 6 और ऊंचाहार की 5 यूनिट्स पूरी क्षमता से चल रही है। एनटीपीस ने कहा ​है कि यहां निर्बाध रूप से कोयला आपूर्ति की जा रही है। मौजूदा स्टॉक क्रमशः 140000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और इंपोर्ट कोयले की सप्लाई भी पाइपलाइन में है।
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कैंसिल की गई 42 ट्रेनों में लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेन शामिल

अस्थायी रूप से रद्द की गई 42 ट्रेनों में लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की 670 यात्राएं शामिल हैं। इसके साथ ही रेलवे ने कोयले के रेक की औसत दैनिक लोडिंग को भी 400 से अधिक तक बढ़ा दिया है। यह आंकड़ा पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक है। कोयले की मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए रेलवे प्रतिदिन 415 कोयला रेक ढो रहा है। इनमें से प्रत्येक कोयला रेक में 3500 टन कोयला है।

दिल्ली सरकार ने अस्पताल समेत जरूरी संस्थानों को 24 घंटे बिजली सप्लाई में असमर्थता जताई

वहीं बिजली कटौती का असर अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी दिखने लगा है। कोयले की किल्लत के बाद बढ़ते संकट के बीच दिल्ली सरकार ने मेट्रो और अस्पतालों समेत कई जरूरी संस्थानों को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने में असमर्थता जताई है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को आपात बैठक बुलाई थी। साथ ही केंद्र को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
सत्येंद्र जैन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को आपात बैठक बुलाई थी। साथ ही केंद्र को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
सत्येंद्र जैन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार को आपात बैठक बुलाई थी। साथ ही केंद्र को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।file photo
वहीं अकेले यूपी में ही 3 हजार मेगावाट से ज्यादा की कमी है। यहां 23 हजार मेगावाट बिजली की मांग है, जबकि आपूर्ति 20 हजार मेगावाट की जा रही है। बिजली कटौती का मुख्य कारण देश के एक चौथाई बिजली संयंत्रों का बंद होना है। इनमें से 50 प्रतिशत संयंत्र कोयले की कमी के कारण ये बंद हो चुके हैं।

देश में बिजली उत्पादन की अभी क्या स्थिति

विशेषज्ञों ने बताया कि देश में मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता 3.99 लाख मेगावाट है। इसमें 1.10 लाख मेगावाट अक्षय ऊर्जा (सौर-पवन) की हिस्सेदारी है। शेष 2.89 लाख मेगावाट में से 72,074 मेगावाट क्षमता के संयंत्र बंद हैं। इनमें से 38,826 मेगावाट संयंत्रों में उत्पादित किया जा सकता है, लेकिन ईंधन उपलब्ध नहीं है। 9,745 मेगावाट के संयंत्रों ने शटडाउन निर्धारित किया है। 23,503 मेगावाट की क्षमता वाले संयंत्र अन्य कारणों से बंद पड़े हैं।
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बिजली प्लांट के पास क्षमता से महज 25% कोयला बचा और यही सबसे बड़ी वजह

ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार देश के 18 पिटहेट प्लांट यानी ऐसे बिजलीघर जो कोयला खदानों के करीब ही हैं, इनमें तय मानक का 78% कोयला है। जबकि दूर दराज के 147 बिजलीघर (नॉन-पिटहेट प्लांट) में मानक का औसतन 25% कोयला बचा है। यदि इन बिजलीघरों के पास कोयला स्टॉक तय मानक के मुताबिक 100% होता तो पिटहेट प्लांट 17 दिन और नॉन-पिटहेट प्लांट्स 26 दिन चल सकते हैं।
देश के कुल 173 बिजली प्लांट्स में से 106 प्लांट्स में कोयला शून्य से लेकर 25% के बीच ही है। बता दें कि कोयला प्लांट बिजली उत्पादन को कोयले के स्टॉक के अनुसार शेड्यूल करते हैं। स्टॉक पूरा हो तो प्रोडक्शन भी पूरा होता है। इधर रेलवे का कहना है कि एक हफ्ते में ही कोल सप्लाई में 10% की बढ़ोतरी हुई है। मालगाड़ी के खदान से प्लांट तक पहुंचने का समय 12% से 36% घटा है।

देशभर के थर्मल प्लांट्स के पास 2.20 करोड़ टन कोयला, 10 दिन के लिए काफी

केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि देशभर के थर्मल प्लांट्स के पास 2.20 करोड़ टन कोयला बचा है और ये 10 दिन के लिए काफी है। ऐसे में उन्हें पूरी क्षमता के साथ उत्पादन​ किया जाना चाहिए। CCL के प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद की मानें तो प्लांट्स को रोज 2.2 लाख टन कोयला दिया जाएगा।
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पंजाब में 12 घंटे बिजली कटौती

पंजाब में बिजली संकट बढ़ गया है। करीब 46 डिग्री तापमान के बावजूद 12 घंटे कट रहे हैं। शहरों में 4 से 5 घंटे, गांवों में 10 से 12 घंटे। इसको लेकर अब आप सरकार के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पिछली चन्नी सरकार ने इस सीजन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी। पिछले साल की तुलना में बिजली की मांग में 40% की वृद्धि हुई है। हम 24 घंटे बिजली देने के प्रयास कर रहे हैं।

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