आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर केन्द्र सरकार ने इसे आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर घर तिरंगा कार्यक्रम की घोषणा की है। इस अभियान को अधिक गति देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के नियमों में बदलाव किया है जिससे देशवासी इस अभियान में प्रबल रूप से अपनी भागीदारी निभा कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रोफाइल पर तिरंगा की तस्वीर लगाते हुए देशवासियों से अपील कि है कि मैंने अपने सोशल मीडिया पेज की प्रोफाइल पिक्चर बदल ली है, आप भी ऐसा ही करें। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री ने भी अमित शाह ने ट्वीट कर देशवासियों से ऐसी ही अपील की है।
तिरंगा फहराने के नियम-
तिरंगा फहराते समय आप ध्यान रखें कि तिरंगा का सम्मान सर्वोपरि हो. कभी भी आपको गंदा या फटा हुआ झंडा नहीं फहराना चाहिए
तिरंगे को कभी भी उल्टा नहीं फहराया जाए. जब आप तिरंगा फहराएं तो सबसे ऊपर केसरी रंग नजर आना चाहिए
झंडे को किसी के भी समक्ष झुकाया नहीं जाए. साथ ही, तिरंगे के आसपास कोई दूसरा ध्वज उससे ऊंचा न हो, न ही उसकी बराबरी पर हो
तिरंगे के पोल पर कोई और चीज न रखी जाए. इसमें फूल मालाएं और प्रतीक चिन्ह शामिल हैं
तिरंगा फहराते समय न वो जमीन पर लगे न पानी में
तिरंगे को किसी पहनावे के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. आप अपने रुमाल, कुशन या किसी भी ऐसी चीज पर तिरंगे का इस्तेमाल नहीं कर सकते. साथ ही, तिरंगे पर कुछ लिखा भी नहीं जा सकता
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'आज 2 अगस्त विशेष है! ऐसे समय में जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, हमारा देश #HarGharTiranga के लिए तैयार है, जो हमारे तिरंगे को मनाने के लिए एक सामूहिक आंदोलन है। मैंने अपने सोशल मीडिया पेजों पर डीपी बदल दी है और आप सभी से भी ऐसा करने का आग्रह करता हूं'।
1. झंडे बनाने के लिए इन प्रकार की सामग्रियों का उपयोग किया जा सकेगा। जिनमें कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशमी खादी शामिल है। इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर के झंडे का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं थी। ध्वज के आकार पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है, न ही इसको फहराने के समय पर प्रतिबंध है।
2. राष्ट्रीय ध्वज को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। अब सार्वजनिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का कोई सदस्य अब सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है या प्रदर्शित कर सकता है।
राहुल गांधी ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए बीजेपी को हासिऐ पर लिया है, उन्होंने कहा 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम चलाने वाले वहीं संगठन के लोग है, जिन्होंने तिरंगे को अपनाने से मना कर दिया। आज वे ही 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम चला रहे है।
राहुल ने आगे कहा कि जिस तिरंगे के लिए हमारे देश के कई लोग शहीद हुए, उस तिरंगे को एक संगठन ने अपनाने से मना कर दिया, 52 सालों तक नागपुर में अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया, लगातार तिरंगे को अपमानित किया गया और आज उसी संगठन से निकले हुए लोग तिरंगे का इतिहास बता रहे हैं, 'हर घर तिरंगा' मुहिम की योजना बना रहे हैं।
वहीं राहुल ने कहीं न कहीं इशारा देते हुए इस अभियान को 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' का उल्लंघन बताया। राहुल ने कहा कि देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के नियम निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने वालों को जेल भी हो सकती है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। ये मात्र शब्द नहीं हैं, 140 करोड़ भारतीयों की भावना है। हमारा झंडा विविध रंग, रूप, स्थान, बोली-भाषाओं, खान-पान व मान्यताओं वाले देश में एकजुटता, गौरव, सहिष्णुता, त्याग, बलिदान व आत्मबल का प्रतीक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, खादी से बना तिरंगा देश के आत्मबल को दर्शाता है और इससे लाखों लोगों की जीविका जुड़ी है। आज के ऐतिहासिक दिन पर आशा है कि आप खादी से झंडा बनाने वालों की बात सुनेंगे और उनकी मांग पर संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेंगे।’’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला से एक पत्रकार ने सवाल किया तो वह बिदक गए। पत्रकार ने पूछा कि हर घर तिरंगा पर क्या कहेंगे? अब्दुल्ला ऐसे तिलमिला गये जैसे किसी ने घाव पर शूल चला दिया हो। अब्दुल्ला ने गुस्से में कहा कि 'अपने घर पर रखो इसे' और अपनी गाड़ी में सवार हो गए।
भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि लोग 'हर घर तिरंगा' अभियान का स्वागत तो कर रहे हैं लेकिन दुख इस बात का है कि विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। वे इस सकारात्मक अभियान को जबरदस्ती का देशभक्ति बता रहे है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार 'हर घर तिरंगा' की बात करती है लेकिन वे 'हर घर अफजल' की बात करते हैं और समर्थन करते हैं।
'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत अगले महीने के तीन दिन 13 से 15 अगस्त तक देशभर में 100 करोड़ से अधिक लोगों के घरों पर तिरंगा फहराया जायेगा। केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरूआत की है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे नये तरीके से मनाने का संकल्प लिया है। केंद्र सरकार के इस अभियान के अनुसार अगले महीने के तीन दिन 13 से 15 अगस्त तक देशभर में 100 करोड़ से अधिक लोगों को जोड़ा जायेगा व देशभर के 100 करोड़ घरो पर तिरंगा फहराया जाएगा।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव देश के हर नागरिक के लिए गर्व का विषय है। आजादी के 75 साल में हमारे देश ने न सिर्फ लोकतंत्र की जड़ें गहरी की हैं, बल्कि विकास के हर पहलू में हम दुनिया में सही जगह पर खड़े है।
उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के संबंध में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों व प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत किए जाने वाले अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।
शाह ने कहा कि 22 जुलाई से सभी राज्य सरकारों की वेबसाइट के होमपेज पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाई देना चाहिए, जबकि नागरिकों को भी अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
शाह ने कहा कि लोगों को तिरंगे के साथ एक सेल्फी भी लेनी चाहिए और इसे संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'आजादी का अमृत महोत्सव' को नए तरीके से मनाने का फैसला किया है और 'हर घर तिरंगा' अभियान देशभक्ति की भावना को उच्चतम स्तर तक ले जाएगा।
बयान में कहा गया है कि 'प्रभात फेरी' महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश के स्वतंत्रता संग्राम का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा था और इसलिए राजनीतिक दलों, सरकारी संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और सहकारी समितियों को अपने क्षेत्रों में 'प्रभात फेरी' को सफल बनाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने तीन तरह के झंडों के उत्पादन की व्यवस्था की है और ये डाकघरों में उपलब्ध होंगे और लोग तिरंगे को ऑनलाइन भी खरीद सकेंगे।
सरकार इसे प्रमुख तीन उद्देश्य से मना रही है।
1. जिन शहीदों ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, देश की युवा पीढ़ी उनके और उनके बलिदान के बारे में जानें, जिससे देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना जागृत हो।
2. 75 सालों में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की और कई क्षेत्रों में भारत ने दुनिया में शीर्ष स्थान प्राप्त किया, ये वर्ष उन उपलब्धियों का महिमामंडन करने का वर्ष है।
3. अमृत काल में देश में हर क्षेत्र में आजादी की शताब्दी के समय हम कहां खड़े होंगे, ये 25 साल संकल्प से सिद्धि का समय है।