75% मुस्लिम समुदाय की आबादी होने पर कहा कि हमारे हिसाब से अब स्कुल में प्रार्थना करवानी होगी। ताजा मामला झारखंड के गढ़वा का है, जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों की मनमानी देखने को मिल रही है, लेकिन 2011 के अनुसार देश में हिन्दू आबादी 80% है लेकिन किसी भी हिन्दू ने ये बात नहीं कहीं कि देश में अब हमारे अनुसार नियम और कानून बनेगा ।
यहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक युगेश राम पर स्थानीय स्तर पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा दबाव बनाया गया कि गांव में 75 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, इसलिए नियम भी हमारे अनुसार ही होगें । मुस्लिम समाज के द्वारा यह बात तक कही गई कि स्कूल में अब जो प्रार्थना होगी वो भी उनके हिसाब से होगी । आलम ये है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने, प्रधानाध्यापक को स्कूल में प्रार्थना को बदलने के लिए विवश कर दिया । अब यहां दया कर दान विद्या का... प्रार्थना को बंद करवा कर तू ही राम है, तू रहीम है...प्रार्थना तो शुरू करा दी गई. अब यहां हाथ जोड़ने के बजाय हाथ बांध कर प्रार्थना की जाती है ।
यहां तो मुस्लिम समाज के दबाव में हाथ जोड़ने की बजाय हाथ बांध कर प्रार्थना करने की परंपरा शुरु हो गई है लेकिन इस दबाव में स्कूल के बाकि 25% हिन्दू बच्चों का क्या होगा?
बात चाहें स्कूल और कॉलेज में नावाज पढने की हो..... या बात कर्नाटक से उठ कर पूरे देश में अपने अधिकारों की बात करके हिजाब विवाद पर बवाल की हो....
लोग तो ये भी कह रहे है कि स्कूल और कॉलेजों में धार्मिक कट्टरता को बढावा देने का अभियान शुरु हो गया है...जब अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना तुगलकी फरमान जारी करके कहा की अब स्कूलों और कॉलेजों में बिना हिजाब के प्रवेश नहीं दिया जाएगा । वहां की कुछ छात्राओं ने भी इसका विरोध किया था.. लेकिन आज देश में कुछ छात्रा हिजाब के साथ कॉलेजों में प्रवेश पर अड़ी हुई है ये दोनों बातें विरोधाभास है क्या देश की शिक्षा व्यवस्था में जहर घोलने का प्रयास किया जा रहा है...
आश्चर्य की बात ये है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 80% आबादी हिन्दू है लेकिन इसके बावजद किसी हिन्दू के द्वारा ये नहीं कहा गया कि हमारी आबादी ज्यादा है तो व्यवस्था भी हमारे अनुसार ही होगी । क्यों हमारे देश में आए दिन इस तरह के विवाद होते है। बात तो ये भी कही जा रही है कि देश की शिक्षा व्यवस्था में कट्टरता को बढावा देने का एक बड़ा षड़यंत्र चल रहा है