IAF Ranks 3rd On World Air Power Index : हमारी भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर से अपनी शक्ति को दुनिया में प्रमुखता से स्थापित कर दिया है। खास बात ये है कि इस बार चीन, जापान और फ्रांस जैसे देश भी वायु शक्ति के मामले में पीछे छूट गए हैं। बता दें कि ये दावा भारत ने नहीं बल्कि दुनियाभर में रेंकिंग करने वाली संस्था वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट यानि (WDMMA) ने साल 2022 की रैकिंग जारी कर किया है। WDMMA ने इस रेंकिंग में इंडियन एयरफोर्स को चीन, जापान और फ्रांस की एयरफोर्स से ऊपर जगह दी है। वहीं इस मामले में चाइना एयरफोर्स भी भारत की तुलना में कमजोर साबित हुई है। किन तथ्यों के आधार पर भारतीय वायु सेना को वर्ल्ड वाइड ये रेंकिंग मिली है। हमारी सेना बीते दशकों में कितनी ताकतवर हुई और क्या है WDMMA आइए आपको बताते हैं।
दरअसल WDMMA ने वर्ष 2022 की ग्लोबल एयर पॉवर्स रैंकिंग हाल ही में पब्लिश की है, इसमें भारतीय वायु सेना को चाइना की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एयर फोर्स की तुलना में ज्यादा ताकतवर बताया गया है। बता दें कि इससे पहले भारतीय वायु सेना इससे पहले दुनिया की चौथी ताकतवर सेना थी, जो अब चाइना को पछाड़ते हुए तीसरे स्थान पर आ गई है। इस रिपोर्ट में दुनिया के कई देशों की विभिन्न तरह की एयर सर्विसेज की कुल फाइटिंग कैपेसिटी को वैल्युएट किया जाता है, इसके कई तरह के तकनीकी तथ्यों से होकर गुजरना होता है और उसी के मुताबिक रेंकी दी जाती है। सिर्फ चीन ही नहीं, इंडियन एयरफोर्स को जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (JASDF), इजरायली एयर फोर्स और फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स से भी ऊपर जगह दी गई है। WDMMA ने कई तथ्यों के आधार पर जांची गई अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इंडियन एयरफोर्स ने बेहद कम समय में अपनी शक्ति में बेहतरीन इजाफा किया है।
दुनियाभर में मॉर्डन मिलिट्री एयर सर्विसेज सैन्य हवाई सेवाओं पर अपनी एनुअल रैंकिंग तैयार करते समय, WDMMA एक फॉर्मूले का यूज करता है जो राष्ट्रों की विभिन्न एयर सर्विसेज की कुल वॉर पॉवर से जुड़ी वैल्यूज को नोटिस करता है।
ग्लोबल एयर पॉवर्स रैंकिंग (2022) रिपोर्ट ने युनाइटेड स्टेट्स एयर फ़ोर्स (USAF) - 242.9 को हाइएस्ट TvR स्कोर दिया है और उसे पहले स्थान पर रखा है। अमेरिकी एयरफोर्स में विमान के टाइप्स का एक कॉम्प्रिहेंसिव मिश्रण शामिल है और कई प्रोडक्ट्स को लोकल रूप से यूएस के बड़े इंडस्ट्रियल बेस से प्राप्त किया जाता है। यह डेडीकेटेड स्ट्रेटेजिक लेवल के बमवर्षक, सीएएस विमान, एक बड़ा हेलो और लड़ाकू बल (जिनमें से कई बहु-भूमिका प्रकार हैं) का मेंटेनेंस करता है, और आने वाले दिनों में सैकड़ों कार्गो विमान और सैकड़ों यूनिट्स के साथ और भी मजबूत होने वाला है।
रिपोर्ट के के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स की एक्टिव लिस्ट में इस समय 1645 विमान शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि इंडियन एयरफोर्स के पास अभी 632 फाइटर विमान मौजूद हैं। जिनमें Su-30MKI (मल्टीरोल)-242, मिग-21बीआईएस (इंटरसेप्टर)-132, जगुआर एम/एस (हमला)-130, मिग-29UPG (मल्टीरोल)-66, M2000H/I (मल्टीरोल)-45, तेजस एमके.1 (मल्टीरोल)-16, राफेल (मल्टीरोल)-1 शामिल हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन एयरफोर्स के पास इस वक्त An-32 (सामरिक)-104, एचएस 748 (उपयोगिता)-57, डोर्नियर 228 (यूटिलिटी)-50, आईएल-76एमडी/एमकेआई (रणनीतिक)-17, सी-17 (रणनीतिक/सामरिक)-11, सी-130जे (सामरिक)-11 ट्रांसपोर्टर मौजूद हैं।
ग्लोबल एयरपॉवर में इंडियन एयरफोर्स छठवें स्थान पर आया है। रैकिंग के मुताबिक, यूनाइटेड स्टेट एयरफोर्स को 242.9 प्वाइंट, यूनाइटेड स्टेट्स नेवी (नेवी के पास जो एयरफोर्स होता है) को 142.4 प्वाइंट, रूसी एयरफोर्स को 114.2 प्वाइंट, यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी एविएशन को 112.6 प्वाइंट, यूनाइटेड स्टेट्स मरीन कॉर्प्स को 85.3 प्वाइंट और उसके बाद भारत को स्थान
दिया गया है और इंडियन एयरफोर्स को 69.4 प्वाइंट, चीनी वायुसेना को 63.8 प्वाइंट, जापान एयरफोर्स को 58.1 प्वाइंट, इजरायली एयरफोर्स को 58.0 प्वाइंट और फ्रांस एयरफोर्स को 56.3 प्वाइंट मिले हैं। वहीं, यदि अमेरिका की तीनों एयरफोर्स को एक साथ कर दें, तो भारत की रैकिंग तीसरे नंबर पर पहुंच जाती है और भारत से आगे सिर्फ रूस ही आता है।
रूसी एयरफोर्स को 114.2 TvR मिला है. इसके पास कुल मिलाकर 3829 एयरक्राफ्ट हैं। इसमें से 3063 किसी भी वक्त रेडी टू फ्लाई रहते हैं। रूस के पास 1507 अटैक, 1837 सपोर्ट और 485 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं। 820 एयरक्राफ्ट्स भविष्य में शामिल किए जाने हैं। इसके पास 125 बमवर्षक हैं। 194 क्लोज एयर सपोर्ट एयरक्राफ्ट, 1364 हेलिकॉप्टर्स, 387 ट्रांसरपोर्ट एयरक्राफ्ट, 19 रीफ्यूलर्स एयरक्राफ्ट हैं। स्पेशल मिशन के लिए 67 एयरक्राफ्ट्स हैं।
WDMMA ने अमेरिकी एयर फोर्स को 242.9 TvR दिया है इसके पास 5209 एयरक्राफ्ट्स हैं। इसमें से 4167 एयरक्राफ्ट किसी भी समय किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहते हैं। 124 देशों की रैंकिंग में अमेरिकी वायुसेना पहले नंबर पर आती है। इसके पास हमला करने वाले 1976 फाइटर जेट, सपोर्ट में 1692 एयरक्राफ्ट्स, ट्रेनिंग के लिए 1541 एयरक्राफ्ट्स हैं। भविष्य में यह 2419 एयरक्राफ्ट और खरीदने वाला है। इसके पास 152 बमवर्षक एयरक्राफ्ट्स हैं। 213 हेलिकॉप्टर्स हैं। 677 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स हैं
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स को 63.8 TvR मिला है। चीनी वायु सेना के पास 2084 एयरक्राफ्ट्स हैं। इसमें से 1667 एयरक्राफट्स किसी भी समय एक्टिव रहते हैं। चीन के पास 1453 अटैक, 370 सपोर्ट और 261 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं। भविष्य के लिए वह फिलहाल न तो कोई विमान बना रहा है। न ही खरीद रहा है। इसलिए इसकी रैंकिंग भारत के नीचे चली गई है। चीन के पास 120 बमवर्षक हैं। 65 हेलिकॉप्टर्स, 238 ट्रांसपोर्ट और 3 रीफ्यूलर्स हैं। 64 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट्स हैं। रीफ्यूलर्स के मामले में भी चीन भारत के पीछे है।
जापानी वायुसेना को 58.1 TvR मिला है। उसके पास कुल मिलाकर 779 एयरक्राफ्ट हैं। इसमें से 623 एयरक्राफ्ट किसी भी समय एक्टिव रहते हैं। जापान के पास इस समय 279 अटैक, 165 सपोर्ट और 335 ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट्स हैं। इसके अलावा 189 एयरक्राफट्स को वह भविष्य में खरीदेगा या बनाएगा। इसके पास 67 हेलिकॉप्टर्स, 42 ट्रांसपोर्ट, 6 रीफ्यूलर्स और 50 स्पेशल मिशन एयरक्राफ्ट्स हैं।