
बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को लेकर गुरुवार शाम हैदराबाद यूनिवर्सिटी में बवाल हो गया। यहां स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने 400 से अधिक छात्रों को विवादास्पद डॉक्युमेंट्री दिखाई।
इसके जवाब में, आरएसएस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की छात्र शाखा ने विश्वविद्यालय परिसर में फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' का प्रदर्शन किया। वहीं, वामपंथी छात्र संगठनों ने शुक्रवार शाम दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की है।
एसएफआई ने सोशल मीडिया पर हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की एक तस्वीर भी पोस्ट की। कैप्शन में लिखा गया कि ABVP कार्यकर्ताओं ने हंगामा करने की कोशिश की, लेकिन हमने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। दूसरी ओर, केरल कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस (गुरुवार) के मौके पर विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई।
बड़ा सवाल जब सरकार ने बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर रोक लगा दी है तो उसे कैंपस में डॉक्युमेंट्री दिखाने की इजाजत किसने दी?
इस बीच, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने परिसर में बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की अनुमति दी। इसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने विवि के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हमें कैंपस में 'द कश्मीर फाइल्स' की स्क्रीनिंग से रोकने की कोशिश की।
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार देवेश निगम ने इस मसले पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए परिसर में फिल्मों की स्क्रीनिंग रोक दी गई है। कानून व्यवस्था के मुद्दे को देखते हुए डीन-स्टूडेंट्स वेलफेयर ने छात्रों के समूह के लिए काउंसलिंग का आयोजन किया है। जबकि छात्रों का कहना है कि वे अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही काम करेंगे।
इससे पहले 21 जनवरी को छात्रों के एक समूह ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के परिसर में डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया था। छात्रों ने न तो इसकी जानकारी विवि प्रशासन को दी और न ही इसकी अनुमति ली। मामला सामने आने के बाद विवि प्रशासन हरकत में आया।