जानें क्या है संदेशखाली का मामला, जहां लड़की के रूप में जन्म लेना बन गया अभिशाप

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से हृदयविदारक एक घटना सामने आ रही है। जहां पर किसी भी महिला का सुंदर औऱ कम उम्र का होना उसके लिए अभिशाप है। जी हां संदेशखाली में पिछले 20 साल से यहीं चलता आ रहा है।
जानें क्या है संदेशखाली का मामला, जहां लड़की के रूप में जन्म लेना बन गया अभिशाप
जानें क्या है संदेशखाली का मामला, जहां लड़की के रूप में जन्म लेना बन गया अभिशाप

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से हृदयविदारक एक घटना सामने आ रही है। जहां पर किसी भी महिला का सुंदर औऱ कम उम्र का होना उसके लिए अभिशाप है।

जी हां संदेशखाली में पिछले 20 साल से यहीं चलता आ रहा है। यहां अगर किसी युवक की शादी हो रही है तो उसकी पत्नी के साथ पहले सुहागरात टीएमसी के गुंडे मनाएंगे।

वहीं कोई युवती 18 साल की हुई औऱ उसकी शादी तय की गई तो उसे शादी के पहले टीएमसी के गुंडे उठा ले जाते है। पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म करते है उसके बाद उसकी शादी की जाती है।

खूबसूरत होना अभिशाप

संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो रात को आते थे औऱ बस्ती के सभी घरों में जाकर सबसे खूबसूरत व कम उम्र की महिला देखते थे।

जो महिला उन्हें पसंद आ जाती थी। उसे वो घर से उठा ले जाते थे या फिर कहते थे इन्हें पार्टी ऑफिस भेज देना।

वहां से ले जाने के बाद पीड़ित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है। उसके बाद वो उस महिला को तब तक रखते है जब तक उनका मन नहीं भर जाता।

पिछले 4 दशक में एक बार फिर यही मामला सामने आया है। संदेशखाली में अधिकांशत एससी और एसटी रहते हैं। यहां महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना हर दिन, हर सप्ताह और हर महीने सैकड़ों की संख्या में घटित होती है।

कौन हैं शेख शाहजहां

बंगाल में कुछ समय पहले ईडी के अफसर जब संदेशखाली जा रहे थे तो उनकी गाडियों को पूरी तरह से तोड़ दिया गया था। इसके बाद अफसरों के ऊपर भी हमला किया गया था।

जिसमें किसी के हाथ टूटे तो किसी के पैर। उसके बाद किसी को नहीं पता कि शेख शाहजहां कहा है। अगर बात कि जाएं तो सेंट्रल एंजेसी न तो उसे 2019 में पकड़ पायी थी न ही आज पकड़ पाई है।

सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने से आई है कि शेख शाहजहां के पहले ईसा लश्कर यहां पर अपना शासन चलाता था। वो हिन्दूओं को पूजा करने से रोकता था। अगर कोई हिन्दू पूजा करना चाहता था उसको पैसे देने पड़ते थे।

वहीं दूसरी तरफ किसी लड़के की शादी होती थी, तो उसकी पत्नी को ईसा लश्कर उठा ले जाता था। जहां उसका बलात्कार किया जाता था। पीड़ित महिला को घर आने में एक दिन, एक सप्ताह या एक महीने का भी वक्त लग जाता था। जब तक उसका मन न भर जाएं वो उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम देता था।

वो सभी हिन्दूओं के घर में जाकर खूबसूरत महिला को देखता था और फिर उस महिला को अपनी हवस शांत करने के लिए गलत काम करने के लिए उठा ले जाता था। इसको लेकर जब हिंदू ईसा लश्कर के खिलाफ एफआईआर कराने गए तो उन्हें वहां से भगा दिया गया।

ऐसी ही एक घटना 2001 में सामने आई थी कलाहरत से। जब एक परिवार ईशा लशकर से बिना इजाजत के जमाई षष्ठी (जोमाई षष्ठी बंगाल का पारिवारिक पर्व है जो अपने जमाई के लिये मनाया जाता है) मना रहा था।

इस पर ईशा लशकर और उसकी गैंग ने परिवार के 15 सदस्यों की निर्मम ह्त्या कर दी। इस पूरे मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

हिंदू अपना व्यवसाय त्याग कर पलायान करने को मजबूर

बता दें कि बुद्ध देव के शासनकाल को गोल्डन पीरियड कहा जाता है और उनके शासनकाल में इस तरह की घटनाएं घटित हो रही थी।

ऐसी ही एक औऱ घटना सामने आई है। उस इलाके से एक बारात जा रही थी। ईशा लश्कर ने बारातियों से रंगदारी मांगी औऱ उन्होंने देने से इंकार कर दिया।

इस पर बस में जितनी भी महिलाएं थी उन्हें जबरन उतार लिया गया। लगभग 10 से 12 दिन तक उन महिलाओं के साथ गैंग रेप की घटना को अंजाम देते रहें। इसके बावजूद पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।

वहीं संदेशखाली से जो घटनाएं सामने आ रही है उसमें पीड़ित महिला ने बताया कि पति के सामने और सीनियर पुलिस ऑफिसर के सामने खींचकर ले गया ।

जब तक उसका मन नहीं भरा तब तक पीड़िता का रेप करता रहा। बता दें कि ये घटनाएं सिर्फ हिंदू परिवार के साथ ही होती है।

गौरतलब है कि मुस्लिम वहां पर 5 प्रतिशत था लेकिन वहां पर 80 प्रतिशत तक उनकी तादाद हो चुकी है। वहीं हिंदू अपना व्यवसाय त्याग कर के पलायान करने को मजबूर है।

इसके पीछे की वजह है उनके परिवार की बच्चियों और महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं लगातार होना। क्योंकि लोग उनके घरों में आकर ऐसा कह के जाते थे कि रात को 10 से 12 बजे के बीच पार्टी ऑफिस भेज देना।

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