एनआईए की टीम राजस्थान के नागौर, बीकानेर, श्रीगंगानार और हनुमानगढ़ में छापेमारी कर रही है। एनआईए राज्य के कई बड़े कारोबारियों से भी पूछताछ कर सकती है। एनआईए के पास इनपुट है कि लॉरेंस और बांबिहा गिरोह के समर्थक इन राज्यों में मौजूद हैं। ये छापेमारी इस गैंग से जुड़े हर शख्स तक पहुंचने के लिए की गई है।
NIA की टीम राजस्थान की जेलों में बंद लॉरेंस गैंग और बंबिहा गैंग के बदमाशों से भी पूछताछ कर सकती है। एजेंसी के पास जानकारी है कि कई जेलों से बदमाश व्यापारियों को फोन व अन्य माध्यमों से धमकाकर पैसे मांगते हैं।
बता दें कि लॉरेंस ने पांच राज्यों में गिरोह बनाए हैं। लॉरेंस का नेटवर्क थाईलैंड, यूके, कनाडा तक फैला हुआ है। लॉरेंस ने छात्र राजनीति के साथ इतना बड़ा नेटवर्क बनाना शुरू किया।
युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए लॉरेंस खुद को शहीद भगत सिंह की तरह एक क्रांतिकारी के रूप में पेश करता है। लॉरेंस पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (SOPU) से जुड़ गए और कई युवाओं को भी इससे जोड़ा।
जब लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया, तो उसने जेलों को अपना सुरक्षित घर बना लिया। जेल से अपनी तस्वीरें और क्रांतिकारी पोस्ट सोशल मीडिया पर डालकर लाखों फॉलोअर्स बना लिए।
लॉरेंस ने राजस्थान के जोधपुर, अजमेर और जयपुर जेलों में गिरोहों का पूरा नेटवर्क बना लिया था। उसने युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हिरण शिकार मामले में आरोपी बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी थी। इससे सलमान खान से नाराज कई युवा भी उनके फॉलोअर्स बन गए।
बिश्नोई खुद को शहीद भगत सिंह का भक्त बताता हैं। युवाओं को गैंग से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर अपने कई पेज बनाए। जेल में वर्कआउट और बॉडी दिखाते हुए कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए।
लॉरेंस जेल में अपनी हर गतिविधि और गैंग के साथ गैंगस्टरों के साथ फोटो अपलोड करता था। इससे लाखों युवा उसे सोशल मीडिया पर फॉलो करने लगे। फेसबुक पर उनके नाम से करीब 150 पेज हैं।
नागौर में गैंगस्टर संदीप की हत्या ने लोगों में दहशत भर दी थी। इस हत्याकांड को किसने अंजाम दिया, इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता, इस बीच बांबिहा समूह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जिम्मेदारी ली थी।
बताया जाता है कि यह गैंग आर्मेनिया से संचालित होता है। बांबिहा ग्रुप ने एफबी पर भी पोस्ट किया है कि हमने मर्डर करवाया है।