Maharastra Ramnavami Riots: यहां भी तुष्टीकरण! संजय राउत ने दंगों को बताया सरकार प्रायोजित, मजहब विशेष पर चुप्पी

Maharastra Ramnavami Riots: रामनवमी पर महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में करीब 500 लोगों की मजहबी भीड़ ने रैली पर पेट्रोल बम और पथराव कर हमला किया। इस घटना को लेकर शिव सेना के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा, उन्होंने इसे सरकार प्रायोजित दंगा बताया।
Maharastra Ramnavami Riots: यहां भी तुष्टीकरण! संजय राउत ने दंगों को बताया सरकार प्रायोजित, मजहब विशेष पर चुप्पी
Photo Credit- Lokendra Singh Sainger

रामनवमी के मौके पर विभिन्न राज्य के शहरों में हिंदुओं की ओर से रैली व कार्यक्रम आयोजित किए गए। ऐसे में कई शहरों से हिंदुओं पर पथराव और आगजनी की खबरें भी सामने आई है।

Maharastra Ramnavami Riots: महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में रामनवमी पर राम मंदिर के पास करीब 500 लोगों की मजहबी भीड़ ने पथराव और पेट्रोल बम से हमला कर दिया था। इसे रुकवाने पहुंची पुलिस पर भीड़ के हमले में एक व्यक्ति घायल हो गया। जिसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस घटना पर नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाते हुए इसे सरकार प्रायोजित दंगा बताया है।

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विपक्ष की होनी थी रैली तो करवाया दंगा- संजय

Maharastra Ramnavami Riots: शिव सेना के नेता संजय राउत ने इस घटना को लेकर एकनाथ शिंदे वाली महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला उन्होंने कहा कि राज्य में अब कानून व्यवस्था की समस्या है क्योंकि यहां सरकार, पुलिस, गृह मंत्री का अस्तित्व नहीं है।

उन्होंने पूछा कि CM एकनाथ शिंदे व गृहमंत्री आखिर कहां हैं? राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार प्रायोजित दंगा है। उन्होंने कहा कि संभाजीनगर में बेवजह दंगा इसलिए हुआ क्योंकि 2 अप्रैल को वहां महाविकास अघाड़ी की एक रैली है। 

पेट्रोल बम और पत्थरों से किए गए हमले

बीते दिन राम मंदिर पर औरंगाबाद के किराडपुरा इलाके में दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। उसी दौरान करीब 500 लोगों की मजहबी भीड़ ने पथराव और पेट्रोल बम से हमला कर दिया। जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए।

उपद्रवियों द्वारा 13 वाहनों को आग के हवाले करने की घटना 29 मार्च और 30 मार्च के बीच रात को घटित हुई।

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं और साथ ही लाइव राउंड भी किए।

मौत का कारण नहीं आया सामने

हमले को शांत करवाने पहुंची पुलिस और भीड़ के बीच झड़प में शेख मुनीरुद्दीन नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के कुछ घंटे बाद 30 मार्च की रात शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। हालांकि पुलिस ने व्यक्ति की मौत की वजह का खुलासा नही किया है।

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