यूपी और पश्चिमी बंगाल में शनिवार दूसरे दिन भी उत्पात जारी है। बंगाल में साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद बयान दिया है। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ 10 जून को जुमे की नमाज के बाद देश के 12 राज्यों में हिंसक प्रदर्शन(Communal Violence) को पुलिस ने सख्ती से काबू पा लिया, लेकिन बंगाल के हावड़ा में दूसरे दिन भी हिंसा हुई। इसे लेकर ममता बनर्जी ने विवादास्पद टिप्पणी की है।
ममता ने तल्ख लहजे में कहा बीजेपी के पाप दूसरे क्यों भुगतें?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को दावा किया कि हावड़ा जिले में हुई हिंसक घटनाओं के पीछे कुछ राजनीतिक दलों का हाथ है। ममता ने तल्ख लहजे में कहा कि राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ममता बनर्जी ने पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित और निष्कासित पार्टी नेताओं द्वारा विवादास्पद टिप्पणी का हवाला देकर भाजपा पर प्रहार किया कि बीजेपी द्वारा किए गए पाप के कारण आम लोगों को इसकी सजा क्यों भुगतना चाहिए, जिसने हिंसक विरोध शुरू किया।
ममता बनर्जी ने बंगाली में किए ट्वीट में कहा-"जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पिछले दो दिनों में हावड़ा में हिंसक घटनाओं से सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। इसके पीछे कुछ राजनीतिक दल हैं। वे दंगा भड़काना चाहते हैं। लेकिन इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी इनमें शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
13 जून तक इंटरनेट सेवा बंद
हिंसा को देखते हुए हावड़ा जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। वहीं 15 जून तक उलुबेरिया, डोमजूर और पंचला जैसे कई क्षेत्रों में CRPC की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। जिले में प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिए जाने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हिंसा के कारण कई लोकल और एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गईं।
शुक्रवार को शुरू हुआ बवाल शनिवार को भी जारी रहा। हावड़ा के पांचला बाजार में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। हालात को देखते हुए उलुबेरिया सब डिवीजन, हावड़ा के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों के आसपास 15 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है।
उपद्रवी याद रखें, हर शुक्रवार के बाद एक शनिवार ज़रूर आता है…
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार ने यह बात tweet करके कही है
उत्तर प्रदेश में पुलिस की तैयारियां लचर रहीं
कानपुर में 3 जून को हुई हिंसा के ठीक 7 दिन बाद UP के 8 जिलों में बवाल हुआ। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़क पर उतर गई। नमाजी पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से नाराज थे।
प्रयागराज, मुरादाबाद, सहारनपुर, फिरोजाबाद, अंबेडकरगनर, हाथरस, अलीगढ़, जालौन में नमाजी सड़क पर उतर आए। पुलिस-प्रशासन दो दिनों से अलर्ट थी, लेकिन ऐन वक्त पर सारी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां फेल हो गईं।
ज्यादा बवाल प्रयागराज में हुआ। यहां अर्ध सैनिक बलों के कई सैनिक घायल हो गए। इसी तरह देवबंद में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगे। हालांकि, कानपुर में भारी पुलिस फोर्स तैनात होने की वजह से सब कुछ कंट्रोल रहा। शनिवार दोपहर तक सहारनपुर में 48, प्रयागराज में 68, हाथरस में 50, मुरादाबाद में 25, फिरोजाबाद में 8, अंबेडकरनगर में 28 गिरफ्तारी हुई थी। कुल 227 पकड़े जा चुके थे।
रांची के मेन रोड में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। पुलिस को हालात संभालने के लिए फायरिंग करने पड़ी। अराजक तत्वों की तरफ से पत्थर फेंके गए। तोड़फोड़ की गई। आगजनी की गई। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई। 13 लोग घायल हैं।
अब झारखंड के सभी 24 जिलों में अलर्ट जारी किया है। सभी जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। रांची में हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मेन रोड में सुजाता चौक से अलबर्ट एक्का चौक तक धारा 144 लागू है।
तस्वीर में देखें राज्यों में उपद्रव और हिंसा का तांडव