पाकिस्तान में जन्मे मजहबियों के निशाने पर रहने वाले स्कॉलर तारिक फतेह का 24 अप्रैल को निधन हो गया। उनकी बेटी नताशा ने उनके निधन की सूचना दी। तारिक परिवार के साथ कनाडा में रह रहे थे।
तारिक फतेह ने इस्लाम के इतिहास को लेकर कई पुस्तकें लिखी, जिसकी वजह से कट्टर मुस्लिम उनसे नफरत करते थे। फतेह के निधन की खबर सुनने पर मजहबियों ने जश्न मनाया। साथ ही निधन वाली खबर सोशल मीडिया पर आते ही कट्टरपंथियों की ओर से ‘हाहा’ रिएक्शंस की बाढ़ आ गयी।
नताशा फतेह ने तारिक के निधन की खबर देते हुए उन्हें ‘पंजाब का शेर’, ‘हिंदुस्तान का बेटा’, ‘कनाडा को प्यार करने वाला’, ‘सच बोलने वाला’, ‘न्याय के लिए लड़ने वाला’ और ‘दबे-कुचले लोगों की आवाज’ आवाज उठाने वाला बताया। उन्होंने लिखा- तारिक फ़तेह ने आखिरकार अपनी मशाल आगे सौंप दी है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके द्वारा शुरू की गई क्रांति उनलोगों के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।
तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर, 1949 को कराची में जन्मा भारतीय बताते थे। उन्होंने एक बार कहा था, 'मैं पाकिस्तान में जन्मा भारतीय हूं, इस्लाम में पैदा हुआ पंजाबी हूं; एक मुस्लिम चेतना के साथ कनाडा में एक प्रवासी और मार्क्सवाद से प्रेरित युवा हूं।'
वह खुलकर कहते थे कि उनके पूर्वज हिंदू थे। हिंदुस्तान का हर शख्स हिंदू है। आरएसएस से भी इस तरह के बयान अक्सर आते हैं कि हिंदुस्तान में जन्मा हर शख्स हिंदू है, चाहे उसका पंथ कुछ भी हो।
यही वजह रही जिसकी वजह से तारिक फतेह आरएसएस (RSS) के नजदीकी और प्यारे रहे। उनके निधन पर आरएसएस ने दुख जताते हुए ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
तारिक फतेह को 1996 से 2006 तक ‘मुस्लिम क्रॉनिकल’ नामक शो होस्ट करने के लिए भी जाना जाता है। वो इस्लाम और मुस्लिम समाज में सुधारों के पक्षधर थे। उनकी पुस्तकों ‘The Jew Is Not My Enemy’ और ‘Chasing a Mirage’ को लोगों ने खूब पसंद किया गया था।
आपको बता दें कि ‘Tims Of India’ ने जब तारिक फतेह के निधन की खबर फेसबुक पर दी तो कट्टरपंथियों ने भड़ास निकालते हुए पोस्ट पर ‘हाहा’ रिएक्शंस देते हुए जश्न मनाया।