प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के वलसाड जिले में श्रीमद राजचंद्र मिशन की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश की नारी शक्ति को आजादी के अमृतकाल में एक राष्ट्र शक्ति के रूप में सामने लाना हम सब की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बहन-बेटियों के सामने आ रही हर बाधा को दूर करने का प्रयास कर रही है, जो उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है।
वहीं, श्रीमद राजचंद्र मिशन से मेरा पुराना नाता रहा है। मैंने श्रीमद राजचंद्र मिशन के समाज कार्यों को नजदीकी से देखा है। पीएम ने आगे कहा कि जब ये नाम सुनता हूं तो मेरा मन आप सभी की तरह उनके के प्रति सम्मान से भर जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का अमृत पर्व मना रहा देश अपने बच्चों को याद कर रहा है, जिन्होंने भारत को गुलामी से बाहर निकालने के लिए प्रयास किए।
श्रीमद राजचंद्र जी ऐसे संत थे, जिनका इस देश के इतिहास में महान योगदान है। यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि बहुत जल्द हमने भारत का ज्ञान, शानदार नेतृत्व खो दिया। जिसने देश और दुनिया को भारत की वास्तविक शक्ति से परिचित कराया।
पीएम मोदी ने श्रीमद राजचंद्र पशु चिकित्सालय की आधारशिला रखी। पीएमओ ने कहा कि करीब 70 करोड़ रुपये की लागत से 150 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। अस्पताल में शीर्ष श्रेणी की सुविधाएं और पशु चिकित्सकों और सहायक कर्मचारियों की एक टीम होगी।
अस्पताल जानवरों की देखभाल और रखरखाव के लिए पारंपरिक चिकित्सा के साथ-साथ समग्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा, भारत आज जिस स्वास्थ्य नीति का पालन कर रहा है।
उसमें हमारे आसपास रहने वाले हर जीव के स्वास्थ्य की चिंता है। भारत मानव सुरक्षा के टीकों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चला रहा है।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से परियोजना का शाम साढ़े चार बजे धर्मपुर में श्रीमद राजचंद्र अस्पताल का उद्घाटन किया।
यह अत्याधुनिक चिकित्सा बुनियादी ढांचे के साथ 250 बिस्तरों वाला मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है, जो विशेष रूप से दक्षिण गुजरात क्षेत्र के लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा।
इन सबके अलावा पीएम मोदी ने 'श्रीमद् राजचंद्र सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वूमेन' की भी आधारशिला रखी। इसका निर्माण 40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है और इसमें मनोरंजन, स्व-विकास सत्रों के लिए कक्षाएं, विश्राम क्षेत्र आदि की सुविधा होगी।
पीएमओ ने कहा कि यह संगठन 700 से अधिक आदिवासी महिलाओं को रोजगार प्रदान करेगा और बाद में आजीविका प्रदान करेगा।