रामनवमी के मौके पर हिंदुओं की ओर से रैली व जुलूस निकाले जाने पर देश के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी। रामनवमी पर विभिन्न राज्यों में हुई हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर आ गयी है।
गृह मंत्रालय ने अब हनुमान जयंती को लेकर एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में सभी राज्यों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है।
साथ ही पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर रामनवमी के दौरान हुई हिंसा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े दिए हैं। जिसे लेकर ममता सरकार और बीजेपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं।
कोलकाता हाईकोर्ट ने हावड़ा में हुई हिंसा को लेकर हनुमान जयंती पर ममता बनर्जी सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर बंगाल पुलिस हालात नहीं संभाल पा रही है तो केंद्रीय बलों को तैनात किया जाए।
गृह मंत्रालय ने हनुमान जयंती को देखते हुए सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है।
इसके अलावा त्योहार का शांतिपूर्ण पालन करने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले लोगों की निगरानी करने को भी कहा है।
वहीं दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में जगह-जगह हुई हिंसा को लेकर कोलकात्ता हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए ममता बनर्जी सरकार से पूछा कि हनुमान जयंती को देखते हुए राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर बंगाल पुलिस से नहीं संभलता है तो जुलूस वाले इलाकों में जरूरत पड़ने पर बंगाल पुलिस से नहीं संभलता तो पैरामिलिट्री फोर्स यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जाए।
इससे पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार यानि 4 अप्रैल को राज्य सरकार को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिसड़ा में हिंसा के कारणों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।