Rahul on PM Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटेन जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए। राहुल गांधी ने वहां अपने बयानों में अपनी पूरी भड़ास निकालते हुए भारत के लोकतंत्र को ही खतरे में बता दिया। अपने भाषणों में उन्होंने भारत की छवि पूरी तरह धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने अपने देश में भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इस पूरी यात्रा के दौरान भी कई विवाद सामने आए। अपने तय एजेंडे के तहत राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा में ऐसे लोगों से बयान दिलवाए जो विवाद का कारण बने। साथ ही यात्रा में ऐसे-ऐसे लोग शामिल हुए जिन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य बताया जाता है। कश्मीर में तो अलगाववादी नेता तक राहुल की यात्रा में शामिल हुए। इसीलिए राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को बीजेपी ने भारत तोड़ो यात्रा करार दिया था।
गौरतलब है कि राहुल गांधी या कांग्रेसियों की हताशा का कारण पीएम मोदी की इंटरनेशनल छवि, उनके नेतृत्व में देश की प्रगति और सत्ता से कांग्रेस का सफाया, बड़ी वजह है। उनके बयानों में यह हताशा साफ झलकती है। Since Independence पर जानें राहुल ने क्या कुछ कहा और क्या हैं इसके मायने?
राहुल ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं। मेरे ऊपर कई केस किए गए। ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं। हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है। दलित और अल्पसंख्यकों पर, आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं।
राहुल ने ब्रिटेन में RSS की आलोचना की थी। उन्होंने RSS की तुलना आतंकी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी। इस पर संघ के नेता दत्तात्रेय होसबले ने राहुल को नसीहत दी। उन्होंने कहा, वे अपने राजनीतिक एजेंडे से चलते हैं। हमारी और उनकी कोई तुलना नहीं है। वे संघ के बारे में बोल रहे हैं, तो मैं बस इतना ही कहूंगा कि उन्हें अधिक जिम्मेदारी से बयान देने चाहिए और वास्तविकता को देखना चाहिए।
राहुल ने लंदन में जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यकम में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का जिक्र करते हुए कहा, " किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए जरूरी ढांचा संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका होते हैं। भारत में आज यह सभी विवश होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर जगह आवाज दबाई जा रही है, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।" राहुल ने कहा कि हमारे देश में पिछले नौ सालों से जनता की आवाज यानी मीडिया को दबाया जा रहा है। हमारे देश में पत्रकारों को डराया जाता है। उन पर हमले होते हैं और धमकियां दी जाती है। वहीं सरकार की बात करने वाले पत्रकारों को पुरस्कार से नवाजा जाता है।"
राहुल गांधी ने पेगासस के जिक्र करते हुए कहा कि भारत में कई नेताओं के फोन में पेगासस है। मेरे फोन में भी पेगासस था। मुझे इंटेलिजेंस अफसरों ने आगाह किया कि आप जब भी किसी से फोन पर कोई बात कर रहे हों तो बेहद सतर्क होकर करें, क्योंकि आपकी बातों को रिकॉर्ड किया जाता है। ’
प्रवासी भारतीयों को दे रहे भाषण में राहुल गांधी ने कहा, "हमारे देश में सरकार विपक्ष की अवधारणा को इजाजत नहीं देती है। वहां के सांसद में भी यही चीज होती है। सच्चाई तो ये है कि पड़ोसी देश चीन भारत के इलाके में बैठा हुआ है। लेकिन इस पर संसद में सवाल उठाओ तो इसकी इजाजत नहीं दी जाती है। वास्तव में यह शर्मनाक है।'
राहुल गांधी ने कहा, 'कितनी अजीब बात है कि भारतीय लीडर कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसी जगहों पर आकर अपनी बात कह सकते हैं। लेकिन भारत के यूनिवर्सिटी में नहीं रख सकते। सरकार बिल्कुल नहीं चाहती कि विपक्ष किसी मुद्दे पर चर्चा करें।