जम्मू-कश्मीर के राजौरी में भारतीय सेना के जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि पांच जवान घायल बताए जा रहे हैं। मारे गए दोनों आतंकियों को आत्मघाती हमलावर बताया जा रहा है। आतंकी राजौरी में आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे। राजौरी में 25 किमी दूर सेना की एक कंपनी के ऑपरेशन बेस पर आत्मघाती हमला किया गया, जिसे भारतीय सेना ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई में इसे नाकाम कर दिया, इस कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना ने कहा है कि आतंकियों के खिलाफ यह ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है।
इससे पहले जम्मू जोन के एडीजीपी मुकेश सिंह ने कहा, 'राजौरी के परगल स्थित आर्मी कैंप की बाड़ को पार करने की कोशिश की, इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां चलाई गईं। छह किलोमीटर दूर तक अतिरिक्त टीमें भेजी गई हैं। इस कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए और सेना के तीन जवान भी शहीद हो गए'।
स्वतंत्रता दिवस से पहले देश को दहलाने के लिए आतंकी संगठन लगातार किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं और भारतीय सुरक्षा बल आतंकियों के नापाक मंसूबों को लगातार नाकाम कर रहे हैं। राजौरी में सेना के शिविर में घुसपैठ की कोशिश कर उरी जैसा हमला करने की कोशिश की गई है।
आपको बता दें कि 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय में घुसकर आतंकियों ने सोए हुए भारतीय जवानों पर हमला किया था। 17 हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। इस आतंकी हमले में सेना के 16 जवान शहीद हो गए थे। आतंकी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के बताए जा रहे थे। करीब छह घंटे तक चली इस मुठभेड़ में भारतीय सेना ने चारों आतंकियों को ढेर कर दिया था। 20 साल में भारतीय सेना पर यह सबसे बड़ा हमला था। दस दिन बाद 28-29 सितंबर की रात को भारतीय सेना ने पूरी प्लानिंग के साथ PoK के अंदर तीन किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकियों के ठिकाने तबाह कर दिए थे।