रामलला की मूर्ति शिल्पकार योगीराज ने बनाई थी। वहीं रामनवमी के अवसर पर योगीराज ने बताया कि रामलला के अलौकिक नेत्र मैंने नहीं बनाये है। बल्कि भगवान राम ने मुझसे बनवाए है। योगीराज कहते है कि प्रतिमा बनाने के बाद मुझे देश के हर कोने से प्यार मिला है।
हर कोई मुझसे मिलना चाहता है औऱ मूर्ति के बारे में मुझसे बात करना चाहता है। मैंने निर्णय लिया है की मैं लोगों से मिलूंगा। योगीराज ने कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो देश के लिए फिर से कुछ करना चाहूंगा।
योगीराज ने बताया कि जब वो रामलला की मूर्ति का निर्माण कर रहें थे तो उस दौरान भोजन पर कुछ प्रतिबंध थे। जैसे खाना कम मिर्च और तेल में बनाया जाता था। हम सात्विक भोजन करते थे।
रामलला की मूर्ति बनाने के दौरान उन्हें परिवार का पूरा समर्थन मिला योगीराज का कहना है कि 'मैं भक्तों के दृष्टिकोण से काम कर रहा था औऱ भगवान की मूर्ति को जीवंत बनाना चाहता था तो मैंने इसके लिए 7 महीने तक मेहनत की पर ये सब मेरे लिए कठिन नहीं था।
बल्कि ये मेरे लिए एक अवसर था। ये भगवान की कृपा थी की मुझे उनकी मूर्ति बनाने का मौका मिला। वहीं पीएम मोदी ने कर्नाटक रैली के दौरान अरूण योगीराज से मुलाकात की।