अखिल भारतीय इमाम संगठन (AIIO) के प्रमुख उमर अहमद इलियासी को RSS प्रमुख मोहन भागवत से मिलने और उन्हें 'राष्ट्रपिता' कहने पर 'सर तन से जुदा' करने की धमकी मिल रही है।
उन्हें 23 सितंबर को इंग्लैंड से ये धमकी भरे फोन कॉल आए, जहां मंदिरों और हिंदू समुदाय को हाल ही में चरमपंथियों ने निशाना बनाया था। पिछले एक हफ्ते में उन्हें पाकिस्तान समेत देश के कई हिस्सों से सैकड़ों फोन कॉल्स के जरिए इस तरह की धमकियां दी जा चुकी हैं।
उन्होंने इस संबंध में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में मामला दर्ज कराया है। इमाम ने सुरक्षा कारणों से अपने सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
उमर अहमद इलियासी ने कहा, 'मैं किसी भी हाल में माफी नहीं मांगूंगा...चाहे शहीद भी हो जाऊं. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने के बाद से मुझे विदेश से धमकी भरे फोन आ रहे हैं... थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
गृह सचिव और आयुक्त को भी पत्र लिखकर सूचित किया गया है। आरएसएस प्रमुख मेरे यहां आए थे... यह एक निजी मुलाकात थी...लेकिन देशद्रोही लोगों को यह पसंद नहीं है।
बता दें कि उमर अहमद इलियासी से मिलने RSS प्रमुख कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित मस्जिद पहुंचे थे, जहां इमाम अपने परिवार के साथ रहते हैं।
मोहन भागवत और इलियासी मदरसे में भी गए थे और वहां के छात्रों से बातचीत की थी। अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख ने संघ प्रमुख की इस असाधारण पहल को धार्मिक सद्भाव की दिशा में एक ऐतिहासिक विकास बताते हुए उन्हें 'राष्ट्रपिता' और 'राष्ट्र ऋषि' बताया। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत एक प्रचारक हैं, उन्होंने अपना पूरा जीवन देश और समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है। इसलिए वह राष्ट्रपिता हैं।
मोहन भागवत के बारे में इलियासी का बयान कुछ राजनेताओं और कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया। पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में इमाम ने यह कहा कि आरएसएस प्रमुख से मिलने के बाद उनके मोबाइल फोन पर अलग-अलग देशों और भारत के कई राज्यों से 'सर तन से अलग होने' की धमकियां मिलने लगीं।
इस संबंध में एआईआईओ प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने 24 सितंबर को तिलक मार्ग थाने में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने इस मामले की जानकारी गृह सचिव और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी दी है। उन्होंने बताया कि पीएफआई के प्रतिबंध का समर्थन करने के बाद भी वह कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं।