SC ने CAA को लेकर केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। CAA को लेकर 200 याचिकाएं दायर की गयी है। सुनवाई के दौरान सीजीआई ने आदेश दिया है कि इसको लेकर चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्तों कि मोहलत दी है।
SC ने CAA को लेकर केंद्र सरकार से मांगा जवाब
SC ने CAA को लेकर केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को लेकर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। CAA को लेकर 200 याचिकाएं दायर की गयी है।

सुनवाई के दौरान सीजीआई ने आदेश दिया है कि इसको लेकर चार हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है, लेकिन कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्तों कि मोहलत दी है।

अब इस मामले कि अगली सुनवाई 9 अप्रैल 2024 को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस बीच नागरिकता देने पर कोई रोक नहीं है।

हालांकि याचिकाकर्ताओं ने ये मांग की थी कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है। तब तक नागरिकता पर रोक लगनी चाहिए ।

नागरिकता ना देने की लगाई गुहार

11 मार्च को केंद्र सरकार ने सीएए नियमों को अधिसूचित किया था कि 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर- मुस्लिम प्रवासी, जिनमें हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल है, जिन्हें नागरिकता दी जाएगी।

कई विपक्षी दलों ने सीएए कि आलोचना करते हुए इसे सविंधान विरोधी बताया है। सीएए का सबसे ज़्यादा विरोध पश्चिम बंगाल और असम में हो रहा है।

यह कानून व्यापक बहस और विरोध का विषय रहा है। इसी बीच सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने किसी को भी नागरिकता ना देने की गुहार लगाई।

सिब्बल ने यह भी कहा कि कोर्ट ने 9 अप्रैल को अगली सुनवाई की तारीख दी है अगर इस बीच नागरिकता दी जाती

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