इन जिलों में सक्रिय टेररिस्ट स्लीपर सेल, क्या कर रहा राजस्थान का ATS ?

राजस्थान के 11 जिलों में टेररिस्ट स्लीपर सेल सक्रिय होने की खबर है, लेकिन राजस्थान पुलिस का एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड जिसे ATS कहा जाता है वो इन स्लीपर सेल का पर्दाफाश करने में नाकाम रहा है।
इन जिलों में सक्रिय टेररिस्ट स्लीपर सेल, क्या कर रहा राजस्थान का ATS ?

उदयपुर आतंकी हमले की जांच में शामिल केंद्रीय एजेंसियों को जानकारी मिली है कि उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, कोटा, करौली, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर में कई स्लीपर सेल मॉड्यूल काम कर रहे हैं ।जब एटीएस के पिछले 3 साल के काम की जांच की तो पता चला कि एजेंसी की ताकत डोडा पोस्त, अवैध डीजल, नकली गुटखा, पान मसाला, परीक्षा में नकल पकड़ने में खर्च हो रही है, इन कार्यों को पुलिस की वार्षिक रिपोर्ट में उपलब्धियों के रूप में दर्ज किया गया है।

हवाला और विस्फोटक के मामले में भी कुछ कार्रवाई की गई

हालांकि इस दौरान अवैध हथियार, हवाला और विस्फोटक के मामले में भी कुछ कार्रवाई की गई । लेकिन इनमें से एक में भी आतंकी कनेक्शन सामने नहीं आया है। एटीएस का गठन 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट के बाद हुआ था। इसका काम आतंकी नेटवर्क पर नजर रखना है ताकि आतंकी घटनाएं न हों। इसके बावजूद उदयपुर में एक आतंकी घटना हुई। रियाज और गौस लंबे समय से आतंकी नेटवर्क से जुड़े थे, लेकिन एटीएस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों पर ही एटीएस कार्रवाई करती है । यदि कोई अन्य अपराध पकड़ा जाता है, तो कार्रवाई की जाती है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
राजेंद्र यादव, गृह राज्य मंत्री

एडीजी का तर्क- एटीएस में नहीं है एंटी टेरर फंडिंग सेल

एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा- 'हम ऐसी कार्रवाई करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि अवैध धन इकट्ठा कर आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है । इसकी बड़ी वजह यह है कि एटीएस के पास टेरर फंडिंग को पकड़ने का मैकेनिज्म नहीं है।एटीएस का 'एंटी टेरर फंडिंग सेल' स्थापित करने का प्रस्ताव 2019 में ही तैयार किया गया था, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआई) की तर्ज पर बैंकिंग और ऑडिट के ऐसे विशेषज्ञों को शामिल करने का प्रावधान है, जो टेरर फंडिंग को पकड़ सकते हैं। गौरतलब है कि इस काम के लिए एनआईए में एक अलग सेल है।

आतंक के खिलाफ 3 साल में एक भी कार्रवाई नहीं

2020 में एटीएस की 12 गतिविधियों में से 7 डोडा पोस्त व अन्य नशीले पदार्थों, अवैध डीजल, गुटखा व पान मसाला, परीक्षा में धोखाधड़ी व सट्टेबाजी से संबंधित हैं. अवैध हथियार, विस्फोटक, सोना, हवाला के 4 मामले दर्ज, लेकिन आतंकी कनेक्शन का पता नहीं चला । एक मामले में यूपी का एक वांछित सीएए विरोधी दंगों में पकड़ा गया था।

2021 में एटीएस ने इन मामलों में की कार्रवाही

2021 में एटीएस की 17 गतिविधियों में से 14 डोडा पोस्त व अन्य नशीली दवाओं, अवैध डीजल, प्रतिबंधित रसायन, परीक्षा में नकल और कालाबाजारी से संबंधित हैं । अवैध हथियारों के दो मामले दर्ज, आतंकी नेटवर्क से जुड़े पाकिस्तान से 7 किलो हेरोइन की तस्करी के मामले में निश्चित तौर पर कार्रवाई की गई ।

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