खबर में दिखाई हकीकत तो मजहबियों के निशाने पर आया एक बड़ा मीडिया संस्थान

ट्विटर पर एक ट्रेंड आज सुबह से चल रहा है इस ट्रेंड में दैनिक भास्कर को कुछ मजहबियों द्वारा टारगेट किया जा रहा है। इस का कारण दैनिक भास्कर में चली एक खबर है। भास्कर को निशाना बनाने का कारण ‘नेपाल-बांग्लादेश बॉर्डर इलाकों में मुस्लिम आबादी 32% बढ़ी: खुफिया एजेंसियों ने इसे खतरनाक बताया, BSF का दायरा 100 किमी करने की सिफारिश’ के टाइटल से चली यह खबर है।
रिजवान खान नाम के एक ट्विटर हैंडल से 
देखिए किस तरह से एक मीडिया संस्थान को टारगेट किया जा रहा है
रिजवान खान नाम के एक ट्विटर हैंडल से देखिए किस तरह से एक मीडिया संस्थान को टारगेट किया जा रहा है

ट्विटर पर एक ट्रेंड आज सुबह से चल रहा है इस ट्रेंड में दैनिक भास्कर को कुछ मजहबियों द्वारा टारगेट किया जा रहा है। इस का कारण दैनिक भास्कर में चली एक खबर है। भास्कर को निशाना बनाने का कारण ‘नेपाल-बांग्लादेश बॉर्डर इलाकों में मुस्लिम आबादी 32% बढ़ी: खुफिया एजेंसियों ने इसे खतरनाक बताया, BSF का दायरा 100 किमी करने की सिफारिश’ के टाइटल से चली यह खबर है। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जिलों में मुस्लिमों की अभूतपूर्व जनसांख्यिकीय परिवर्तन को लेकर खबर छापी थी। जिसके कारण भास्कर मजहबियों के निशाने पर आ गया, और उसको उसको बदनाम करने के लिए लगातार ट्विटर पर दैनिक भास्कर दलाल है हैशटैग ट्रेंड करवाया जा रहा है।

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सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में 32% की वृद्धि

पिछले 10 दस सालों में, यूपी और असम में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जिलों में अभूतपूर्व जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है। ग्राम पंचायतों के ताजा रिकॉर्ड के आधार पर यूपी और असम की पुलिस ने अलग-अलग रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है। दोनों रिपोर्टों में कहा गया है कि 2011 के बाद से सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में 32% की वृद्धि हुई है, जबकि यह परिवर्तन पूरे देश में 10% से 15% के बीच है। यानी सामान्य से 20 फीसदी ज्यादा मुस्लिम आबादी बढ़ी है।

एक समुदाय किस तरह से एक संस्थान को बदनाम कर रहा है देखिए...
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राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील मामला

सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिस ने इस बदलाव को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना है। इसलिए, दोनों राज्यों ने सिफारिश की है कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र की सीमा 50 किमी से बढ़ाकर 100 किमी की जाए। यानी सीमा के पीछे 100 किमी तक जांच और तलाशी का अधिकार बीएसएफ के पास हो।

कोई बड़ा षडयंत्र हो सकता है इसके पीछे

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस तरह का जनसांख्यिकीय परिवर्तन केवल बढ़ती जनसंख्या का मामला नहीं है। यह भारत में घुसपैठ का नया डिजाइन हो सकता है। इसलिए हमें राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अभी से मजबूत तैयारी करनी होगी। इसलिए यूपी और असम की सुरक्षा एजेंसियों ने बीएसएफ का दायरा बढ़ाने की सिफारिश की है।

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