कर्नाटक में हुई BJYM नेता की हत्या को लेकर आज विश्व हिंदू परिषद ने एक बैठक का आयोजन किया । इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे ने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी । कर्नाटक में हुई प्रवीण नेत्तारू की हत्या के साथ हाल के दिनों में हुई हिन्दुओं पर हमले की घटनाओं को लेकर विहिप ने केंद्र सरकार से फास्टट्रैक कोर्ट की मांग की है । साथ ही बैठक में कहा गया कि ‘जिहादी हिंसा के खिलाफ उग्र प्रतिक्रिया की जिम्मेदारी हिंदू समाज की नहीं होगी’
सरकार को फास्टट्रैक कोर्ट बनाने पर तुरंत विचार करना चाहिए । मिलिंद परांडे के द्वारा कहा गया कि जिहादी मानसिकता अगर ऐसे हिंसा करती रहेगी, तो हिंदूओं में प्रत्यक्ष आक्रोश बढेगा, स्वाभाविक तौर पर उग्र प्रतिक्रिया भी होगी । अगर ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी हिंदू समाज की नहीं होगी ।
विहिप के द्वारा जारी की गई प्रेस नोट में कहा गया कि अब मुस्लिमों को अपना नेत्वृत तय करना है कि उनको मदनी या औवसी चाहिए या उन्हें अशफाक और कलाम साहब को चुनना है । मुस्लिम समाज को आतंकी सोच को कौम से बहार का रास्ता दिखाना होगा । अगर वह ऐसा नहीं करते है तो उनकी कथनी और करनी में अंतर बना रहेगा । जमाते इस्लामी जैसे संगठन दोहरा मापदंड अपनाते है । एक ओर वह सर तन से जुदा और बम विस्फोट करने वालों के साथ खड़े हो जाते है । दूसरी और कावडीयों को जलपान कराने का नाटक करते है ।
मिलिंद परांडे के द्वारा कहा गया कि जिहादी, हिंसा भड़काने वाली और उकसाने वाली सामाग्री का उपयोग इंटनेट के माध्यम से किया जा रहा है । ऐसी सामाग्री पर सम्पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए । साथ ही लिखा गया कि ‘नेपाल से दिल्ली तक टेरर कॉरिडौर बनाने का षडयंत्र सामने आ चुका है । केंद्र सरकार को इसे ध्वस्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए ।