शराब घोटाले में अब एक नया भूचाल आ गया है। केजरीवाल ने कोर्ट में पेशी के दौरान अपने ही सरकार के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया, जिससे बवाल मच गया है।
वो भी तब जब AAP के अधिकतर नेता शराब घोटाले और मनी लॉड्रिंग के चक्कर में सलाखों के पीछे कैद है।
क्या ये अपनी पत्नी को सीएम बनाने का पैतरा है, क्या वो आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रास्ते से हटाना चाहते हैं, चलिए हम आपको बताते है पूरा मामला।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस बीच कथित शराब घोटाले को लेकर हुई सुनवाई में पहली बार केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज का भी नाम सामने आया है।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आतिशी का नाम लेते हुए एक बड़ा दावा किया है। राजू ने कहा कि विजय नायर केजरीवाल के करीबी रहे हैं।
केजरीवाल ने पूछताछ में कहा कि नायर उन्हें कभी भी रिपोर्ट नहीं करता था। राजू के मुताबिक दिल्ली के सीएम ने कहा कि नायर आतिशी को रिपोर्ट करते थे। यह पहली बार है जब इस मामले में किसी तरह आतिशी का नाम आया है।
आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर ही पार्टी और घोटाले में शामिल 'साउथ लॉबी' के बीच की अहम कड़ी थे।
ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल ने वीडियो कॉल पर शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से बात की थी और विजय नायर को अपना आदमी बताते हुए उस पर भरोसा करने को कहा था। नायर कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जाने वाले पहले आप नेता थे।
इस केस में केजरीवाल और नायर के अलावा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
क्या अपनी पत्नी को सीएम बनाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने दोनों नेताओं की बलि दी
जी हां ऐसा ही कुछ केजरीवाल ने किया है सुनीता के सीएम बनने के राह में सबसे बड़े यहीं दो रोड़े थे, जिसे इन्होंने ठिकाने लगा दिया है। वो भी तब जब दोनों नेता खुद केजरीवाल की तुलना भगवान से करते हैं।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल की शुरू से मंशा थी की वो दिल्ली की राजनीति से इतर किसी दूसरे राज्य की गद्दी संभाले।
सूत्रों की माने तो वो शुरू से पंजाब के सीएम बनना चाहते थे। ऐसे में वो दिल्ली के गद्दी पर काबिज होने के साथ किसी दूसरे राज्य की राजनीति नहीं संभाल सकते थे।
ऐसे में उनके पार्टी के बड़े नेता के सीएम बनने के होड़ में शामिल थे, लेकिन केजरीवाल ने उनका नाम लेकर कहीं न कहीं ये उनके लिए मुसबीत खड़ी कर दी है।
ऐसे में ईडी कार्रवाई करते हुए आतिशी और सौरभ को गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे में ये कहावत चरित्रार्थ होते हुए दिखाई दे रही है कि सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी।