राजस्थान वीर योद्धाओ की जन्म भूमि रही है। इस मिट्टी ने सेना को कई जवान दिए है और राजस्थान के वीर सपूत का भारत माता के लिए प्रेम सदैव अटूट रहा है। ऐसे में राजस्थान के सेनिको की भर्ती का नहीं होना युवाओ के सपनो को तोड़ने जैसा है। वही
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में सेना भर्ती रैलियों के शीघ्र आयोजन के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। गहलोत ने पत्र में कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण सेना में भर्ती के लिए विगत करीब 2 वर्ष से रैलियों का नियमित आयोजन नहीं किया जा सका है। इसके चलते हजारों नवयुवक भर्ती के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा से अधिक उम्र के हो गए हैं और सशस्त्र सेनाओं में भर्ती का उनका सपना टूट रहा है। मुख्यमंत्री ने भर्ती रैलियों में इन अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट देने का भी केन्द्रीय रक्षा मंत्री से आग्रह किया है।
गहलोत ने पत्र में बताया कि राज्य में वर्तमान में कोविड महामारी के कारण भर्ती रैलियां नहीं हो रही हैं। वर्ष 2021 में उदयपुर, जयपुर तथा अजमेर में तीन भर्ती रैलियां जरूर हुई थीं, लेकिन उनकी लिखित परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं की जा सकी हैं।
गहलोत ने प्राप्त आंकड़ों का पत्र में उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सेना में भर्ती के लिए वर्ष 2015-16 में 127, वर्ष 2016-17 में 102, वर्ष 2017-18 में 106, वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में 92-92 रैलियां आयोजित की गईं, लेकिन बीते करीब 2 वर्षों से इनका नियमित आयोजन नहीं होने से हजारों नवयुवक निर्धारित अधिकतम आयु सीमा से अधिक उम्र के हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने राजनाथ सिंह से आग्रह किया है कि वे भर्ती रैलियों के शीघ्र आयोजन तथा अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट का प्रावधान करने के लिए भर्ती निदेशालय (सेना मुख्यालय) को निर्देश दें, ताकि सशस्त्र सेनाओं में नियुक्त होकर राष्ट्र सेवा करने का प्रदेश के नवयुवकों का सपना साकार हो सके।
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