15 लाख करोड़ रूपये तक पहुंचेगी राजस्थान की जीडीपी: CM अशोक गहलोत

यह समुद्र मंथन से निकले अमृत जैसा है और इस बजट की चर्चा पूरे देश में है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट की 500 घोषणाओं में से 60 महत्वपूर्ण घोषणाओं की स्वीकृति जारी भी कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट की 500 घोषणाओं में से 60 महत्वपूर्ण घोषणाओं की स्वीकृति जारी भी कर दी गई है।

राजस्थान में जादूगर के बजट के बाद विपक्ष ने भी घेरने की काफी मशकत की थी लेकिन बीजेपी राजस्थान के मुखिया सरकार को घेरने से पहले खुद ही विवादों में फंस गए थे।

वही बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान अर्थव्यवस्था के सभी पैमानों पर अच्छा परफाॅर्म कर रहा है। गत बजट घोषणाओं में से 85 प्रतिशत लागू कर दी गई है और जन घोषणा पत्र के 70 प्रतिशत वादे पूरे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट की 500 घोषणाओं में से 60 महत्वपूर्ण घोषणाओं की स्वीकृति जारी भी कर दी गई है।

गहलोत ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणायें भी की। उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि बजट 2022-23 की सभी घोषणायें निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। यह बजट सभी वर्गों से चर्चा कर और 45 हजार से अधिक सुझावों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह समुद्र मंथन से निकले अमृत जैसा है और इस बजट की चर्चा पूरे देश में है।

<div class="paragraphs"><p>वर्ष 2022-23 के बजट में केन्द्रीय करों से करीब 19 हजार करोड़ कम मिलेंगे।</p></div>

वर्ष 2022-23 के बजट में केन्द्रीय करों से करीब 19 हजार करोड़ कम मिलेंगे।

केन्द्रीय करों से 15 हजार करोड़ रूपये कम दिए गये थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि बार-बार यह कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार से राज्य के हिस्से का पूरा पैसा मिल रहा है, जबकि यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 293 एवं एफआरबीएम एक्ट की सीमा के तहत कर्ज मिलता है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक राज्य को केन्द्रीय करों का 41 प्रतिशत हिस्सा दिया जाना था, लेकिन 30 से 33 प्रतिशत तक ही मिला है। वर्ष 2022-23 के बजट में केन्द्रीय करों से करीब 19 हजार करोड़ कम मिलेंगे। पिछली बार भी केन्द्रीय करों से 15 हजार करोड़ रूपये कम दिए गये थे।

गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की कैन-बेतवा परियोजना के लिए 40 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है, जबकि प्रधानमंत्री द्वारा जनसभाओं में की गई घोषणा के बाद भी प्रदेश के 13 जिलों में रह रही 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने वाली महत्वाकांक्षी ईस्टर्न राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। जनता के हित को देखते हुए इस परियोजना के लिए 9 हजार 600 करोड़ रूपए का बजट आवंटन कर राज्य सरकार ने अपने खर्च से इसका कार्य शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान रिफाइनरी परियोजना में देरी के कारण इसकी लागत 37 हजार करोड़ से 70 हजार करोड़ रूपये हो गई है।

Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube


<div class="paragraphs"><p>उन्होंने कहा कि वर्तमान बजट की 500 घोषणाओं में से 60 महत्वपूर्ण घोषणाओं की स्वीकृति जारी भी कर दी गई है।</p></div>
CM Ashok Gehlot का बड़ा ऐलान, नहीं होगी RAS मेन्स परीक्षा स्थगित, अभ्यर्थियों की मांग के बाद भी नहीं बदला फैसला

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com