डेस्क न्यूज. खुले आसमान के नीचे, कड़ाके की ठंड में अपने घर से सैकड़ों मील दूर न्याय के लिए भटक रहे युवाओं का दर्द कौन समझेगा, कौन उस बेटी के दर्द को समझेगा जो अभी अस्पताल में भर्ती है और शायद उसके मां-बाप भी इस चीज से बेखबर हो, क्यों देश की एक बेटी देश के इस सिस्टम से लड़ने को मजबूर है? आखिर किसने मजबूर किया उन युवाओं को जो आज धुंध की चादर ओढ़ने को मजबूर है।
हम बात कर रहे है राजस्थान के उन युवाओं की जो पिछले 5 दिनों से 22 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर है युवाओं का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार अपने वादों से भटक गई है, अब युवा कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से मिलकर अपनी समस्या का समाधान करना चाहते है।
मैं मर जाऊंगा, लेकिन यहां से तब तक नहीं जाऊंगा जब तक हमारी मांगों को सरकार नहीं सुन लेती- उपेन यादव
मैं मर जाऊंगा, लेकिन यहां से तब तक नहीं जाऊंगा जब तक हमारी मांगों को सरकार नहीं सुन लेती। हमारी दो महिला सहयोगी की तबीयत भी खराब हो गई है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब तक प्रियंका गांधी से मुलाकात नहीं हो जाती तब-तक अनशन जारी रहेगा। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में 20 लाख रोजगार देने की बात कर रही है राजस्थान में इनकी सरकार है हमें भी रोजगार दो।
राजस्थान के बेरोजगारों का विरोध अब सियासी रंग ले रहा है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने इस आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है, आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर प्रियंका गांधी पर अपनी परेशानी उनके गले में डालने का भी आरोप लगाया।
आचार्य प्रमोद ने ट्वीट किया है- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को तुरंत राजस्थान के बेरोजगार युवाओं से बात करनी चाहिए जो यूपी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे है और समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। प्रियंका गांधी के गले में अपनी परेशानी डालना ठीक नहीं है। बेरोजगार,आचार्य प्रमोद के ट्वीट को री-ट्वीट कर मुख्यमंत्री से शीघ्र समाधान की मांग कर रहे है।
क्या माना जाए कि रोजगार के मैदान में देश के युवाओं को सरकारों ने महज फुटबॉल बना कर छोड़ दिया है।