Rajasthan: अपराध का बेखौफ खेल..लॉ एंड आर्डर 'फेल'; 5 दिन में लूट की 2 बड़ी वारदात

राजस्थान में आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। आखिर क्यों राजस्थान में अपराधी बेखौफ होकर बिना कानून की परवाह किए अपराध करते नजर आ रहे है। क्या प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। यह सवाल राज्य में आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं को लेकर खड़ा हो रहे है।
राजस्थान में आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
राजस्थान में आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
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पड़ोसी राज्यों में से सबसे सुरक्षित राज्य माना जाने वाला राजस्थान अब अपराधों के मामले में पड़ोसी राज्यों को भी पीछे छोड़ता नजर आ रहा है। राजस्थान में लगातार हो रही एक के बाद एक अपराधिक घटनाओं ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। राज्य में लगातार अपराध के मामलों में बढोत्तरी देखने को मिल रही हैं। चोरी, लूट, हत्या, रेप, पॉक्सो एक्ट के मामले ऐसा कोई अपराध नहीं है जिसमें कमी दर्ज की गई हो। लगातार बढ़ते अपराध के ग्राफ के आगे राजस्थान पुलिस भी बेबस नजर आती दिख रही है।

5 दिन में प्रदेश में लूट की 2 बड़ी वारदात

  1. 24 अगस्त की शाम को जयपुर में एक आटा व्यापारी के घर पर नकाबपोश बदमाशों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। बदमाश आयकर अधिकारी बनकर व्यापारी के घर में घुसे थे। वारदात में पांच बदमाशों ने 70 लाख रुपये नकद और लाखों रुपये के सोने के जेवर लूट लिए। मामला शहर के गलता गेट थाना क्षेत्र का था। गलता गेट थाना क्षेत्र की सूरजपोल अनाज मंडी के पीछे आटा व्यापारी सत्यनारायण तांबी का घर है, जहां बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया था।

  2. राजस्थान में पर्यटन नगरी के नाम से मशहूर उदयपुर में 29 अगस्त को लुटेरों ने दिनदहाड़े मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी लूट की वारदात को अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार लूटेरों ने गोल्ड लॉन कंपनी से करीब 23.5 किलो सोना और 11.5 लाख रुपये की नकदी की लूट की थी। आज हुई इस घटना के बाद पुलिस ने पूरे जिले में नाकेबंदी की, लेकिन अभी तक लुटेरों का कोई सुराग नहीं लग पाया है। उदयपुर रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। वे पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं।

पहले की तुलना में अब अपराधों में वृद्धि

जहां एक तरफ राजस्थान पुलिस के आला अधिकारी राज्य में अपराध नियंत्रण के नारे लगाते रहते हैं,

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में अपराध के आंकड़े राज्य में कानून की हकीकत को बयां करते नजर आ रहे हैं।

हत्या हो, हत्या का प्रयास, डकैती, अपहरण, बलात्कार, दंगा, चोरी और अन्य आईपीसी अपराध, सभी में पहले की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई है।


2021 2022

  • हत्या 681 - 759

  • हत्या का प्रयास 801 - 1022

  • डकैती 39 - 40

  • लूट 580 - 665

  • अपहरण 3136 - 3828

  • दुष्कर्म 2461 - 2953

  • उपद्रव 102 - 107

  • नकबजनी 2616 - 3091

  • चोरी 13218 - 16133

  • दहेज आत्महत्या 86 - 87

  • महिला उत्पीड़न 6254 - 8095

  • छेड़छाड़ 3508 - 4295

  • सामूहिक दुष्कर्म 496 - 595

  • पॉक्सो एक्ट 562 - 663

किस मामले में कितनी वृद्धि

डकैती के मामलों में करीब 3 फीसदी, लूट के मामलों में करीब 15 फीसदी,

अपहरण के मामलों में करीब 22 फीसदी, करीब 20 फीसदी बलात्कार के मामलों में,

दंगों के मामलों में लगभग 5 प्रतिशत, चोरी के मामलों में लगभग 22 प्रतिशत

और अन्य मामलों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

राजस्थान में आए दिन हो रही अपराधिक घटनाओं से प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
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एक जिला, दो एसपी फिर भी नहीं अपराध पर लगाम

राजस्थान का सिंहद्वार अलवर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खास पहचान रखता है,

लेकिन आए दिन अलवर में होने वाली घटनाएं देश दुनिया में अलवर को बदनाम करती रही हैं।

यहां लगातार क्राइम का ग्राफ बढता हुआ नजर आता है।

क्राइम को रोकने के लिए पूरे जिले को दो हिस्सों में बांटते हुए दो एसपी भी लगाए गए है,

लेकिन सरकार का यह प्रयास भी क्राइम को रोकने में बेअसर साबित होता नजर आ रहा है।

प्रयास में एक खामी

अलवर जिले में दो एसपी लगाने के प्रयास में एक खामी यह भी है कि दोनों जिलों के हिसाब से पुलिस बल और संसाधन उपलब्ध नहीं कराये गये गए है।

जिससे अपराध को रोकने के लिए बेहतर इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं।

उधर, दो एसपी की तैनाती के बाद भी घटनाओं का सिलसिला जारी है।

बदमाशों द्वारा वारदात को अंजाम दिया जा रहा हैं।

अलवर में गौ तस्करी, मॉब लिंचिंग, रंगदारी, फायरिंग, लूटपाट जैसी घटनाएं रोज सामने आ रही है।

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