डेस्क न्यूज. राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर ने आज एक पुराने मामले में एक बडा फैसला लिया हैं मामला राजस्थान के अलवर से जुडा हैं जहां इलाज में लापरवाही से हुई महिला की मौत के मामले में विजय अस्पताल व अलवर के डॉ. विजय पाल सिंह पर 40.42 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही 25 हजार रुपये इलाज खर्च के रूप में अलग से देने को कहा गया है.
आयोग ने कहा कि हर्जाने की राशि पर शिकायत दर्ज कराने की
तिथि से नौ प्रतिशत ब्याज भी दिया जाना चाहिए.
न्यायिक सदस्य एसके जैन और सदस्य रामफुल गुर्जर की खंडपीठ
ने विक्रम सिंह व अन्य की शिकायत पर यह आदेश दिया.
मामले के अनुसार शिकायतकर्ता की पत्नी कुसुम ने पेट में दर्द की शिकायत के बाद 7 सितंबर 2015 को डॉ. विजय पाल को दिखाया. डॉक्टर ने पेट में पथरी बताते हुए ऑपरेशन के बारे में बताया, लेकिन सर्जन डॉक्टर ने खुद यह सुनिश्चित किए बिना कि मरीज को भूख लगी है, एनेस्थीसिया दिया, भले ही वह एनेस्थीसिया विशेषज्ञ न हो।
इस दौरान खाने का सामान फेफड़ों में चला गया और मामला उलझ गया। इससे मरीज की हालत बिगड़ गई। अस्पताल में आईसीयू की सुविधा नहीं थी और उचित इलाज के अभाव में मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी. मरीज को बिगड़ती हालत में दूसरे अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
अस्पताल और डॉक्टर की इस लापरवाही को राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए कहा कि उनकी पत्नी की मौत अस्पताल की लापरवाही के कारण हुई है. राज्य उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाज में लापरवाही से हुई महिला की मौत के मामले में अस्पताल और डॉ. विजय पाल सिंह पर 40.42 लाख रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही 25 हजार रुपये इलाज खर्च के रूप में अलग से देने को कहा गया है.