Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव में ढूंढाड़ की 32 सीटों में से मतदाताओं ने इस बार कमोबेश हर सीट पर चौंकाया है।
प्रदेश की सियासत के सिरमौर माने जाने वाले इस अंचल के 4 जिलों जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा और जयपुर की 32 विधानसभा सीटों पर मत प्रतिशत सिर्फ 0.35% बढ़ा है।
इनमें से 19 सीटों पर 2018 के चुनाव में हुए मतदान के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है, वहीं 13 सीटों पर मतदान में गिरावट आई है।
बात करें सबसे हॉट मानी जा रही टोंक विधानसभा सीट पर 3% गिरावट चौका रही है। इस सीट पर मतदान प्रतिशत इतना गिरना सचिन पायलट की जीत के अंतर के घटने का संकेत दे रही है।
ग्राउंड पर भी ऐसे रुझान देखने को मिले थे। दौसा जिले के दो मत्रियों की सीटों मुरारीलाल के दौसा में मत प्रतिशत 4.95% और ममता भूपेश के सिकराय में 1.99% घटना चौंका रहा है। दोनों मंत्रियों के लिए यहां एंटी इनकम्बेंसी सामने आ रही थी।
जयपुर शहर की त्रिकोणीय संघर्ष वाली सीट झोटवाड़ा में 2018 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में 0.79 फीसदी कम हुआ है, यहां भाजपा सांसद राज्यवर्धन त्रिकोणीय मुकाबले में घिरे हैं।
वहीं, आमेर सीट से उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया की सीट पर भी मत प्रतिशत 3.13% गिरा है।
भाजपा के दिग्गज किरोड़ी लाल मीना, कांग्रेस के दानिश अबरार और भाजपा की बागी निर्दलीय आशा मीणा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष वाली सवाई माधोपुरसीट पर पिछली बार से 1.64% मतदान बढ़ा है।
ढूंढाड़ में वोटिंग में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी गंगापुर सिटी सीट पर (5.2%) दर्ज की गई है। खैर, मतदान के बाद मौसम भी करवट ले चुका है।
पॉलिटिकल पंडितों के अलग-अलग कयासों के बीच सियासी मौसम कितना पलटेगा, ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।
4 सीटों किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर व सिविल लाइंस में वोट घटे तो कांग्रेस आई, 10% बढ़ी तो भाजपा को प्रचंड जीत मिली।
जयपुर की 19 सीटों पर कुल मतदान 75.25% हुआ है, जो पिछली बार से करीब आधा प्रतिशत ज्यादा है।
प्रधानमंत्री मोदी के रोड-शो का असर रहा कि हेरिटेज की 4 सीटों किशनपोल, आदर्श नगर, हवामहल और सिविल लाइंस में 2018 के मुकाबले 1 से 5 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई।
सबसे ज्यादा किशनपोल में 4.96% ज्यादा वोट डले।
हवामहल, किशनपोल और आदर्श नगर विधानसभा के बूथवाइज आंकड़ों के अनुसार मुस्लिम बूथों पर कई जगह 90% तक मतदान हुआ है, जबकि 2018 के चुनाव में इन बूथों पर वोटिंग प्रतिशत 80-85 फीसदी ही था।
इसके अलावा इन सीटों पर हिंदू बाहुल्य बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है। इन सीटों पर मुकाबला कड़ा होना तय है।