देखें VIDEO: राजस्थान के चाकसू पहुंचा हिजाब का विवाद, HIJAB पहन आई छात्राें को नहीं मिला कॉलेज में प्रवेश

जयपुर के चाकसू स्थित कस्तूरी देवी कॉलेज में हिजाब पहनने के बाद नहीं दिया गया प्रवेश, कॉलेज प्रशासन का तर्क हमने हिजाब के लिए मना नहीं किया बल्कि बुर्का पहनकर आने के लिए मना किया। क्योंकि कॉलेज की एक ड्रेस पहले से तय कर रखी है। जिसके तहत सभी छात्राओं को उसी यूनिफॉर्म में आना होता है।
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क्या शिक्षण संस्थानों में धार्मिक परिधान पहनकर जाना ​सही है? या फिर क्या किसी छात्रा को कोई परिधान विशेष पहनने के लिए बाध्य किया जा सकता है? इन सभी सवालों पर देशभर में बहस जारी है तो दूसरी ओर कर्नाटक कोर्ट में भी इस मामले पर जिरह चल रही है। बता दें कि कर्नाटक के उडुपी से उठा हिजाब विवाद धीरे धीरे देशभर में फैलता जा रहा है। इसी कड़ी में अब ये विवाद राजस्थान में भी प्रवेश कर चुका है। ताजा मामला जयपुर के चाकसू का है। दरअसल यहां कस्तूरी देवी कॉलेज में सुबह छात्राएं जब पहुंची तो उन्हें हिजाब में प्रवेश ने देने से रोक दिया गया। छात्राओं का कहना था कि हम कई समय से हिजाब पहनकर कॉलेज आ रहे हैं। कभी नहीं रोका गया, लेकिन आ हमें कॉलेज में ​दाखिल होने से रोक दिया गया। जब मामला बढ़ा तो कई स्थानीय लोग भी कॉलेज के बाहर जमा हो गए। इस दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने कॉलेज प्रशासन से छात्राओं को प्रवेश देने की मांग की।

<div class="paragraphs"><p>कस्तूरी देवी कॉलेज में सुबह छात्राएं जब पहुंची तो उन्हें हिजाब में प्रवेश ने देने से रोक दिया गया। छात्राओं का कहना था कि हम कई समय से हिजाब पहनकर कॉलेज आ रहे हैं। कभी नहीं रोका गया, लेकिन आ हमें कॉलेज में ​दाखिल होने से रोक दिया गया।</p></div>

कस्तूरी देवी कॉलेज में सुबह छात्राएं जब पहुंची तो उन्हें हिजाब में प्रवेश ने देने से रोक दिया गया। छात्राओं का कहना था कि हम कई समय से हिजाब पहनकर कॉलेज आ रहे हैं। कभी नहीं रोका गया, लेकिन आ हमें कॉलेज में ​दाखिल होने से रोक दिया गया।

एक दो दिन हमनें छात्राओं को मना नहीं किया‚ लेकिन इससे सभी छात्राएं विदाउट यूनिफॉर्म आ रहीं थीं
उधर कॉलेज प्रशासन ने सफाई दी है कि कर्नाटक में विवाद उठने के बाद से कॉलेज में छात्राएं बुर्का पहनकर आने लगी। एक दो दिन हमनें छात्राओं को मना नहीं किया। लेकिन जब हर दिन छात्राएं बुर्के में आने लगी तो दूसरी छात्राएं भी विदाउट यूनिफॉर्म के कॉलेज में आने लग गईं। ऐसे में कॉलेज का यूनिफॉर्म कोड है वो प्रभावित हो रहा था। इसलिए हमने सिर्फ बुर्के का पहनकर आने के लिए मना किया। हमने हिजाब पहनकर आने के​ लिए छात्रों को कभी नहीं टोका।
<div class="paragraphs"><p>इमरान, स्थानीय निवासी, चाकसू</p></div>

इमरान, स्थानीय निवासी, चाकसू

कॉले में काफी समय से छात्राएं हिजाब पहनकर जा रही हैं। उन्हें कभी कॉलेज में नहीं रोका गया। लेकिन आज जब छात्राएं हिजाब पहन कर गईं तो उन्हें कॉलेज प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया। मेरी पत्नी भी इसी कॉलेज की छात्रा है। वो हमेशा यूनिफॉर्म के साथ हिजाब पहनकर जाती है। छात्राओं ने यूनिफॉर्म के साथ हिजाब पहन रखा था। ​
इमरान, स्थानीय निवासी, चाकसू
एक दो दिन से समुदाय विशेष की छात्राएं दो तीन दिन से बुर्का पहनकर कॉलेज आ रही हैं। हमने एक ​दो दिन छात्राओं को नहीं टोका, लेकिन उनको देख दूसरे समाज की छात्राएं विदाउट यूनिफॉर्म आने लग गईं। ऐसे में हमने सिर्फ सभी को यूनिफॉर्म में आने के लिए कहा है। ताकि कॉलेज का यूनिफॉर्म कोड बना रहे। हमने हिजाब के लिए नहीं रोका हमने सिर्फ बुर्के में आने के लिए मना किया है। हिजाब की छूट तो हमने दे रखी है।
सुमित शर्मा, सहायक निदेशक, कस्तूरी देवी कॉलेज, चाकसू

बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने चाकसू मामले को लेकर कहा है कि किसी भी शिक्षण संस्थान में धार्मिक परिधान पहनकर प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये माहौल खराब करने की साजिश की जा रही है।

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