जयपुर एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब अधिकारियों तक प्लेन हाईजैक होने की सूचना पहुंची। अधिकारियों को सूचना मिली की ढाका से दिल्ली जा रहे विमान को आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। जो जयपुर एयरपोर्ट पर उताया जाएगा।
इतना सुनते ही एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ की यूनिट एक्टिव हो गई। चंद मिनटों में एयरपोर्ट के रनवे को सीआईएसएफ के कमांडों ने घेर लिया।
सीआईएसएफ की ये कार्रवाई देखकर एयरपोर्ट पर मौजूद पैसेंजर भी घबरा गए, लेकिन सबने राहत की सांस जब ली जब पता चला कि ये सब मॉकड्रिल का हिस्सा था। दरअसलएयरपोर्ट के टैंगो टैक्सी आइसोलेशन वे पर यह मॉकड्रिल की गई।
मॉकड्रिल में अधिकारियों को सूचना मिली थी कि लैंड हुई फ्लाइट में 8 क्रू मेंमबर और 40 पैसेंजर हैं। जिन्हें आतंकियों ने बंधक लिया है। लगभग एक घंटे तक चली इस मॉकड्रिल को पूरी तरह प्रोफेशनल तरीके से हैंडल किया गया।
एयरपोर्ट सिक्योरिटी और सीआईएसएफ ने जिस तरह से सूचना के बाद सिचुएशन को कंट्रोल किया और ऑपरेशन शुरू किया वह देखने लायक था। साथ ही सीआईएसएफ का रेस्पॉस टाइम के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है।
एयरपोर्ट पर तैनात सीआईएसएफ के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मॉकड्रिल भारत सरकार के निर्देश पर कराई जाती है। अगर कभी इस तरह की घटना हो जाए तो टीमें क्या करेंगी। इसलिए समय-समय पर साल में लगभग एक बार हर एयरपोर्ट पर इस तरह की ड्रिल कराई जाती है। किसी भी संकट की स्थिति में तैयारी और तैयारी की जांच करने और उसे बनाये रखने के लिए यह ड्रिल बहुत जरूरी है।