राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर बेरोजगारों का विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा सत्र के पहले दिन बुधवार को प्रदेश भर से बड़ी संख्या में बेरोजगार विधानसभा का घेराव करने जयपुर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने 22 गोदाम पर बेरोजगारों को रोका। जहां बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों से वादा किया है। रीट भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ जिसे सरकार ने भी स्वीकार कर लिया है। लेकिन सरकार भर्ती परीक्षा में शामिल आरोपियों को बचाने के लिए परीक्षा की जांच सीबीआई को नहीं सौंप रही है रीट पेपर लीक में सरकार के कई लोग शामिल हैं।
उपेन ने कहा कि राजस्थान में रीट, सब-इंस्पेक्टर, जेईएन समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली हो रही है। नकल रोकने के लिए सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है। बल्कि धांधली के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवकों को पुलिस परेशान कर रही है। जबकि वास्तव में भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले बड़े आरोपीयों को पकड़कर जेल में डालना चाहिए।
उपेन ने बताया कि राजस्थान में हजारों पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है।लेकिन सरकार न तो भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रही है। और न ही जो भर्ती प्रक्रिया पूरी हो रही है, वह उनके उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दे रही है। ऐसे में अगर सरकार ने समय पर बेरोजगारों की मांगों को पूरा नहीं किया। तो आने वाले समय में राजस्थान से कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।
विभिन्न भर्तियों के बेरोजगारों का कहना है कि सरकार को पदों की संख्या बढ़ानी चाहिए। वहीं राजस्थान में परीक्षा में धांधली आम बात हो गई है। ऐसे में अब नकल पर नकेल कसने के लिए कानून बनाया जाए। लेकिन अगर इस बार भी सरकार ने नकल रोकने के लिए कानून नहीं बनाया। तो हम राज्य भर में सरकार के खिलाफ जन जागरूकता अभियान शुरू करेंगे।
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