डेस्क न्यूज. दो साल से अपने लाल को देखने के लिए बुढ़े मां-बाप की आंखे तरस गई है। मां अपनी आंखो के लाल और पिता बुढ़ापे का सहारा बनने वाले बेटे के लिए इस सिस्टम से संघर्ष कर रहा है। बुजुर्ग दंपति अपने जिगर के टुकड़े के लिए पिछले दो साल से दर-बतर की ठोकरें खा रहे है। लेकिन सरकार और सिस्टम को शायद इनकी शिकायत में कोई दिलचस्पी ही नहीं है क्योंकि दो महीने से दौसा के लालसोट एसडीएम कार्यालय के सामने धरने पर बैठे इस दंपत्ति की सुनने वाली सरकार और सिस्टम बहरे हो गए हैं क्योंकि जिस सरकार से सिस्टम चलता है वो सरकार ही इनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं है।
राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र के गांव करनपुरा निवासी युवक बुद्धिप्रकाश महाराष्ट्र के पुणे से लापता हो गया था। जिसको लेकर बुजुर्ग दम्पति लगातार अपने गुमशुदा बेटे की तलाश करने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहा है। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोडीलाल मीणा के नेतृत्व में 10 नबंवर को लालसोट एसडीएम कार्यालय के सामने धरना दिया था। जहां किरोड़ी लाल मीणा के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने उद्योग मंत्री के आवास का घेराव कर के मार्च निकाला था। आनन-फानन में पुलिस जप्ता उद्योग मंत्री के आवास के बाहर तैनात कर दिया गया। वहीं, भीड़ को रोकने के लिए नाकाबंदी की गई, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उद्योग मंत्री के नाम लगे बोर्ड को उखाड़ फेंका था। पिछले दो महीने से लालसोट एसडीएम कार्यालय के सामने धरना बुजुर्ग मां-बाप अपने बेटे को ढूंढने की मांग कर रहे है।
10-11 नबंवर के आस-पास बुजुर्ग शिविर में पहुंचा और मंत्री परसादी लाल मीणा से अपने बेटे को वापस लाने की गुहार करने लगा। बुजुर्ग ने कहा कि मेरा बेटा पिछले दो साल से लापता है, लेकिन पुलिस अभी तक उसका पता नहीं लगा पाई है। इसी बीच बुजुर्ग के साथ एक और शख्स भी था, जो बुजुर्ग की पैरवी कर रहा था। फिर क्या था पैरवी करने वाले शख्स पर मंत्री परसादी लाल मीणा के भड़क गए और बुजुर्ग के साथ ही पैरवी करने वाले शख्स को शिविर से भगा दिया। मंत्री परसादी लाल मीणा के पैरों में बुजुर्ग गिर गया, लेकिन मंत्री महोदय ने धक्का दे दिया, अंत में मंत्री परसादी लाल मीणा ने पीड़ित बुजुर्ग की एक भी बात नहीं सुनी और उन्हें शिविर से भगा दिया।
मंत्री परसादी लाल का कहना है कि पूरा मामला महाराष्ट्र के पुणे का है, इसकी चर्चा पुणे कमिश्नर से हो चुकी है, लालसोत पुलिस का इलाका नहीं है, अगर पीड़ित परिवार वापस पुणे जाएगा तो फिर कमिश्नर से बात की जाएंगी, उनकी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं।
दो साल से लापता बुद्धिप्रकाश को लेकर #JusticeForBuddiPrakash ट्वीट पर ट्रेंड कराया गया। सरकार के साथ ही सिस्टम पर के आगे मजबूर बुद्धिप्रकाश के माता-पिता को आज भी आस है कि उनकी बात को जरुर सुना जाएगा। इस लिए दो महीनों से बुजुर्ग दम्पति का धरना निरंतर जारी है।