डेस्क न्यूज. महात्मा गांधी एक नाम मात्र ही नहीं अपितु एक विचार धारा है। अहिंसा के मार्ग पर अग्रसर हो अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर करने वाले महात्मा गांधी को आज देश ही नहीं बल्कि विश्व के कोने-कोने में उनकी विचारधारा का अनुसरण करने वाले लाखों-करोड़ो लोग है। आज महात्मा गांधी का रूप धारण करके कुछ युवा गांधी जी की विचारधारा पर चलने वाले लोगों को जगाने का काम कर रहे है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे धरने में आज सरकार को जगाने के लिए बेरोजगार युवाओं ने महात्मा गांधी का वेश धारण किया। युवाओं का कहना था कि गहलोत को राजस्थान का गांधी कहा जाता है। आज हम गांधी जी का वेश धारण करके सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे है। सरकार को युवाओं की भावना की कदर करनी चाहिए।
युवाओं का कहना कि अगर सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो सरकार को 2023 में सबक सिखा देंगे। छात्र नेता महेद्र कुमार का कहना है कि सरकार के कहने पर हमने 11 दिसंबर को अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया था। लेकिन उसके बाद भी बड़ी सख्या में युवा जयपुर के शहीद स्मारक पर मौजूद थे आज एक बार फिर एसएफआई राजस्थान ने रीट में पद को बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। अब हम सरकार के झुटे वादों में नहीं आएंगे। जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर देती तब-तक आंदोलन निरंतर चलता रहेगा।
24 दिसंबर 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 हजार पदों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद कोरोना के चलते परीक्षा की तारीख तीन बार टालनी पड़ी, लेकिन जब दूसरी लहर का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तो सरकार ने 26 सितंबर को इस बड़ी परीक्षा का आयोजन कराया। उस समय जब मुख्यमंत्री ने रीट के 31000 पद की घोषना की थी, उस समय इतने पद काफी थे लेकिन इस दौरान बड़ी सख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। स्कूल में शिक्षकों के ऊपर बोझ बढ़ा है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे धरने में कुछ दिन पहले युवाओं ने अपनी मांग को पूरा कराने के लिए मुंडन करा लिया था। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सरकार को हमारी बात सुननी चाहिए। आज हमने सरकार को जगाने के लिए मुडंन कराया है, ताकि सरकार तक हमारी मांग पहुंचे। हमारा संर्घष तब-तक जारी रहेगा जब तक की सरकार हमारी मांग नहीं सुन लेती।