राजस्थान की 15वीं विधानसभा का सातवां सत्र (राजस्थान विधान सभा बजट सत्र- 2022) बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा। भाजपा ने सत्र के दौरान प्रश्नकाल से लेकर शून्यकाल तक सरकार को घर लाने के लिए जमकर तैयारी की है। सदन में जैसे ही नियमित प्रश्नकाल और शून्यकाल शुरू होता है, विपक्ष की ओर से सत्ता पक्ष के सामने महिला उत्पीड़न, संस्कार भर्ती परीक्षा में (महिला उत्पीड़न और रीट भर्ती परीक्षा) को सख्ती से उठाने की रणनीति बनाई गई है। अलवर में मूक बधिर पीड़िता का मामला, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की कार पर हमले के मामले में सरकार पर भी हमला होगा।
रीट परीक्षा के मामले में भले ही राज्य सरकार ने सोमवार को अहम फैसला लेते हुए रीट लेवल-2 की परीक्षा दोबारा कराने का फैसला किया है, लेकिन विपक्ष अभी इस मुद्दे को छोड़ने को तैयार नहीं है। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, नारायण सिंह देओल और नरपत सिंह राजवी ने पहले ही रीट परीक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। इनमें रीट परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गई है।
वहीं बीजेपी विभिन्न प्रस्तावों के जरिए सीबीआई से जांच कराने का मुद्दा भी शंकुल में उठाने जा रही है। भाजपा विधायक दल की बैठक में यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि सरकार ने भले ही रीट स्तर 2 की परीक्षा रद्द कर दी हो, लेकिन भाजपा मामले की सीबीआई जांच की मांग करती रहेगी। हालांकि, यह बात है कि सरकार ने रीट स्तर 2 परीक्षा रद्द कर दी है और भर्ती पदों को बढ़ाकर 62 हजार कर दिया है। ऐसे में अब बीजेपी सत्ताधारी पार्टी के सामने कितने हमलावर रह पाएगी यह देखने वाली बात होगी।
सदन की नियमित बैठक प्रश्नकाल से शुरू होगी। इसमें भाजपा विधायकों की ओर से आबकारी, खदान, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं व लड़कियों से रेप और गैंगरेप से जुड़े सवाल उठाए गए हैं। राजस्थान में बच्चियों और महिलाओं से रेप के मामले में बीजेपी विधायक अनीता भदेल, वासुदेव देवनानी, राजेंद्र राठौड़, कालीचरण सराफ और चंद्रभान सिंह आक्या ने सवाल उठाए हैं।
सरकार से पूछा है कि साल 2018 से 2021 के बीच रेप, गैंगरेप और महिलाओं से छेड़छाड़ के कितने मामले दर्ज हुए हैं। सदन में अलवर में मूक बधिर पीड़िता और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की कार पर हमला के मामले में भी बीजेपी राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमलावर होगी। इसके अलावा किसान कर्जमाफी का मुद्दा भी विपक्ष सदन में उठाएगा।
वहीं दूसरी ओर रीट परीक्षा के मामले में अब तक की गई कार्रवाई पर भी सरकार विधानसभा में जवाब दे सकती है। अगर इस मामले में विपक्ष लगातार हमले कर रहा है तो इस पर भी सरकार से जवाब मांगा जा सकता है।
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