Rajasthan: मंत्री कल्ला के सामने कांग्रेसियों ने मारे थे धक्के! सस्पेंड के बाद टीचर के समर्थन में उतरे कांग्रेसी विधायक

सितंबर को जयपुर में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने उर्दू भाषा की दुर्दशा को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के सामने हंगामा किया। विधायक वाजिब अली ने कहा कि राजस्थान में उर्दू शिक्षा की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
Rajasthan: मंत्री कल्ला के सामने कांग्रेसियों ने मारे थे धक्के! सस्पेंड के बाद टीचर के समर्थन में उतरे कांग्रेसी विधायक

राजस्थान के शिक्षा विभाग में तबादले को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जयपुर में शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने विरोध किया। जिसके बाद मंगलवार को उनका बांसवाड़ा ट्रांसफर कर दिया गया। जिसके बाद उर्दू शिक्षकों के साथ विधायक वाजिद अली ने भी कायमखानी का तबादला रद्द कर उर्दू शिक्षकों के साथ भेदभाव नहीं करने की अपील की है।

बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें भी नहीं- वाजिब अली

विधायक वाजिब अली ने कहा कि राजस्थान में उर्दू शिक्षा की स्थिति बद से बदतर हो गई है। नई रिक्तियों की घोषणा की गई है। लेकिन भर्ती नहीं हो रही है, बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें भी नहीं मिल रही हैं।

शिक्षा विभाग इन पर काम करने की बजाय तबादलों में लगा हुआ है। जो पूरी तरह गलत है। उर्दू शिक्षकों की जायज मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही अमीन कायमखानी का तबादला भी रद्द किया जाए।

शिक्षक सम्मान समारोह में हुआ था हंगामा

दरअसल, 5 सितंबर को जयपुर में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने उर्दू भाषा की दुर्दशा को लेकर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के सामने हंगामा किया।

कायमखानी के विरोध को देखकर वहां मौजूद लोगों ने उसे बमुश्किल बाहर निकाला। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने आनन-फानन में कायमखानी का तबादला बांसवाड़ा कर दिया। इसके बाद से उर्दू शिक्षकों ने शिक्षा विभाग और मंत्री बीडी कल्ला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कार्यक्रम से पहले बी.डी. कल्ला से मिले थे कायमखानी

शिक्षा सत्र 2021-22 में सरकारी या गैर सरकारी स्कूलों के उर्दू भाषी छात्रों की पांचवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा हो चुकी है।

नया शिक्षा सत्र 1 जुलाई से शुरू हो गया है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिक स्तर पर एक अतिरिक्त विषय के रूप में उर्दू की शिक्षा शुरू नहीं हुई थी।

इस पूरे प्रकरण को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान कायमखानी भी मंच पर मेरे पास आए थे, मैंने उनसे केवल इतना कहा कि जो भी समस्या है, उसे दिखवाया जाएगा।

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