राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) में गैंगरेप (gangrape) और मासूम की हत्या के मामले में पहली बार पोक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपियों को मौत की सजा (Death Penalty) सुनाई। कोर्ट ने दोनों पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। दोनों आरोपितों ने बकरी चराने वाली नाबालिग को बंधक बनाकर दुष्कर्म किया था और बच्ची के शव को जंगल में फेंक कर छोड़ दिया था. पुलिस ने घटना के 12 घंटे बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आरोपी ने मासूम को 19 जगहों से खरोंचा था और पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। दोनों आरोपी रिश्तेदार भी लग रहे हैं।
कोर्ट ने शुक्रवार को इन 2 दरिंदों को फांसी की सजा (Death Penalty) का ऐतिहासिक फैसला सुनाया दिया। देश में संभवत: ये पहला मामला बताया जा रहा है जहां कोर्ट ने दुष्कर्म मामले में दोषियों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई है। केस में बूंदी पुलिस ने विभिन्न पहलुओं पर जांच की और साक्ष्यों को जुटाए। वहीं पुलिस ने 14 दिनों के भीतर कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
पुलिस वारदात के बाद घटनास्थल पर पहुंची तो उसे कोई सबूत नहीं मिले थे, न ही कोई सबूत मिला था और न ही कोई गवाह था। पुलिस ने मामले की तफ्तीश साइंटिफिक तरीके से शुरू की और मौके पर मिले सीमन..., बाल...., डीएनए टेस्ट... से आरोपियों का पता लगाया और 12 घंटों के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में तीन आरोपी थे जिनमें से एक आरोपी बाल अपचारी होने के चलते उसका जेजे कोर्ट में मामला चल रहा है। मामले में कोरोना के चलते पॉक्सो कोर्ट कुछ महीनों के लिए बंद भी रहा था, इसलिए फैसले में इतना वक्त लगा यदि कोरोना न होता फैसला कब का आ गया होता।
बसोली थाना क्षेत्र के जंगल में 23 दिसंबर की शाम जंगल में 15 वर्षीय मासूम का शव मिला था। अपराधियों ने उसे जंगल में अकेला पाकर बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसने उसे पीटा... उसे मुंह से काटकर कई जगह से घाय ल कर दिया। मासूम चिल्लाता रहा और भीख मांगता रहा। उसने घरवालों को पूरी घटना बताने के लिए कहा तो तीनों ने चुन्नी से उसका गला घोंट दिया और पत्थर से कुचल दिया। उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, आरोपी ने उसे घसीटा और मरने के बाद भी उसके साथ दुष्कर्म किया, जिसकी पुष्टि बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई। आपको बता दें कि मासूम पिछले 10 साल से अपने मस्सों के पास रह रही थी। मौसा के कोई संतान नहीं है। इसलिए वह अपनी बड़ी भाभी की बेटी को अपने पास रखता था।
23 दिसंबर 2021 की शाम को 7 बजे जंगल में डेड बॉडी मिलने की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर बच्ची की बॉडी न्यूड पड़ी थी। बॉडी को देखते ही एकदम से धक्का लगा और मन में विचार आया कि कोई कैसे ऐसी हरकत कर सकता है। यह रेयर इंसीडेंट था। मृतका के शरीर पर कपड़े नहीं थे, जगह-जगह काटने के निशान थे। हम सभी तुरंत एक्टिव हो गए। मौके पर 200 जवान, 10 सीआई समेत 3 डीएसपी की टीम ने सर्च अभियान चलाया।
एएसपी किशोरी लाल
जब 23 दिसम्बर की देर शाम पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को मौके से ज्यादा कुछ सुराग नहीं मिले। ऐसे में पुलिस ने साइंटिफिक तरीके से ही जांच को आगे बढ़ाया और पोस्टमार्टम करवाकर एफएसएल के नमूने लिए और फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा, जहां पता लगा कि बालिका की हत्या के साथ दरिंदगी भी की गई है। उसको 19 जगहों से नोंचा गया है और आरोपी मरने के बाद भी उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देते रहे।
मृतक बालिका का मौसा खेती से जुड़ा है और वहीं टपरी बना कर रहता है। मृतक बालिका अन्य सात आठ साल की बालिकाओं के साथ जंगल में बकरी चराने गई थी। उसी दौरान आरोपियों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया फिर उसकी हत्या की और हत्या के बाद भी दुष्कर्म किया। राजस्थान के बूंदी में गैंगरेप और मासूम की हत्या के मामले में पोक्सो कोर्ट ने दोनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। दोनों आरोपितों ने बकरी चराने वाली नाबालिग को बंधक बनाकर दुष्कर्म किया था और बच्ची के शव को जंगल में फेंक कर छोड़ दिया था। पुलिस ने घटना के 12 घंटे बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि आरोपियों ने मासूम को 19 जगहों से खरोंचा था और पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी रिश्तेदार लगते थे।
ज्ञात हो कि बसोली थाना क्षेत्र के काला कुआं गांव के जंगल में बीते साल 23 दिसंबर 2021 की शाम को बकरियां चराने गई 15 साल की आदिवासी लड़की से गैंगरेप और नृशंस हत्या के केस में पॉक्सो कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है। इस केस में सोमवार को पोक्सो कोर्ट नंबर-02 में न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने अंतिम सुनवाई की। अदालत ने इस केस में गुरुवार को फैसले की तारीख दी थी। राज्य सरकार की ओर से स्पेशल लोक अभियोजक महावीर किशनावत और आरोपियों के अधिवक्ता ने अपने-अपने तर्क दिए थे। लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष 22 गवाह और 79 दस्तावेज पेश किए। घिनौने अपराध के कारण राजस्थान सहित देशभर में यह केस भी काफी चर्चित रहा था। इसमें मासूम लड़की के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा देने की लोग मांग कर रहे थे। इसमें तीन आरोपी हैं, जिसमें एक बाल अपचारी है।
वारदात की सूचना पर पुलिस आलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वॉड को मौके पर साक्ष्य जुटाने के लिए बुलाया था लाश के कुछ दूरी पर पुलिस को एक कपड़ा और कुछ बाल मिले थे। डॉग स्क्वॉड टीम ने उसे कपड़े से आरोपी को सर्च करना शुरू किया। डॉग स्क्वायड की मदद से 12 घंटे में वारदात का खुलासा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने 27 वर्षीय सुल्तान और 62 वर्षीय छोटू लाल भील को गिरफ्तार किया था। वारदात में शामिल एक आरोपी नाबालिग निकला जिसे निरुद्ध किया गया था।
मामले में एसपी जय यादव ने 10 थाना अधिकारियों के साथ 200 जवानों की मदद से पूरे जंगलों को छान मारा था। इस दौरान ड्रेगन लाइटों की भी मदद ली गई थी, डॉग स्क्वायड को भी सर्च पर लगाया। तब जंगल में आरोपी की अंडरवियर मिली। इसी से वारदात परतें खुलती चली गईं और पुलिस दिन निकलने से पहले आरोपियों तक पहुंच गई थी। मामले में पुलिस की ओर से त्वरित जांच के लिए बूंदी के डिप्टी हेमंत नोगिया को केस ऑफिसर के पद पर लगाया।