बीकानेर. (Camel Festival Bikaner-2022) हैरतअंगेज कलाबाजियां और ढोल की थाप पर नृत्य तो दूसरी ओर लोकगीतों की बयार। कुछ ऐसा ही नजारा दिखा बीकानेर में रविवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में। बता दें कि दो साल से कोरोना की मार झेल रहा राजस्थान का पयर्टन विश्वभर में प्रसिद्ध बीकानेर के अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव शुरू होने से एक बार फिर परवान पर है। इसके तहत पहले दिन रविवार को राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। वहीं दूसरे दिन सोमवार को भी विभिन्न प्रतियोगिताओं का सिलसिला जारी है।
(Camel Festival Bikaner) पहले दिन आयोजित प्रतियोगिताओं में ऊंट सज्जा, ऊंट दौड़, ऊंट फर कटिंग, ऊंट नृत्य, महिलाओं की मटका दौड़, ग्रामीण कुश्ती, मिस मरवण और मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिताएं आयोजित हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में देसी विदेशी पयर्टक और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
ऊंट नृत्य प्रतियोगिता के दौरान ऊंटों ने ढोल की थाप के साथ थिरकते हुए सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उत्सव के दूसरे दिन सोमवार को प्रातः 7ः30 से 9ः30 बजे तक जोड़बीड़ कंर्जवेशन रिजर्व में बर्ड वाचिंग कार्यक्रम हुआ।
(Camel Festival Bikaner) वहीं शाम 6ः30 बजे से बीकानेर कार्निवल आयोजित किया जाएगा। इसका आयोजन गंगा राजकीय म्यूजियम से जूनागढ़ और पब्लिक पार्क तक होगा। इस दौरान विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस दौरान संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत, एनआरसीसी निदेशक डॉ. आर्तबंधु साहू, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर. पी. सिंह, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. ए.के. तोमर, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. बी. डी. शर्मा आदि अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
पहले दिन के कार्यक्रमों का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा, संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित और रविन्द्र हर्ष ने किया। इस दौरान पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानू प्रताप, पर्यटन अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, पवन शर्मा आदि मौजूद रहे।