पांच हजार बच्चों पर गहराया पढ़ाई का संकट, स्कूल ने बच्चों के अभिभावकों से मांगी फीस

आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रदेश के पांच हज़ार से ज़्यादा बच्चो के सामने पढ़ाई का संकट आ गया है। ये वो बच्चे है जिनकी सरकारी स्कूलों में प्रवेश दर्शाने पर पहले तो पुर्नभरण राशि रोक ली गई थी।
पांच हजार बच्चों पर गहराया पढ़ाई का संकट,  स्कूल ने बच्चों के अभिभावकों से मांगी फीस
पांच हजार बच्चों पर गहराया पढ़ाई का संकट, स्कूल ने बच्चों के अभिभावकों से मांगी फीस

आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले राजस्थान के पांच हज़ार से ज़्यादा बच्चो के सामने पढ़ाई का संकट आ गया है। ये वो बच्चे है जिनकी सरकारी स्कूलों में प्रवेश दर्शाने पर पहले तो पुर्नभरण राशि रोक ली गई थी।

बाद में सत्यापन करवाए जाने पर इनका प्रवेश निजी स्कूलों में ही मिला, लेकिन शिक्षा विभाग ने अब तक भी उनकी राशि जारी नहीं की है। ऐसे में स्कूल संचालकों ने उन बच्चो के अभिभावकों से फीस मांगना शुरू कर दिया है।

सत्यापित होने के बाद आयेगी राशि

आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25% सीटों पर आर्थिक दृष्टि से कमजोर बच्चों का निशुल्क प्रवेश होता है। प्रवेश के बदले राज्य सरकार निजी स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से पुनर्भरण राशि जारी करती है।

इस बार आरटीई में प्रवेशित करीब 11 हज़ार से ज़्यादा बच्चों का प्रवेश सरकारी स्कूलों में होना सामने आया तो शिक्षा विभाग ने उसका सत्यापन करवाया। जिसमें करीब पांच हज़ार बच्चों का प्रवेश निजी स्कूलों में मिला।

जिनकी रिपोर्ट भी जिला शिक्षा विभागों ने दिसंबर व जनवरी महीने में ही शिक्षा निदेशालय भेज दी थी, लेकिन अब तक उनकी पुर्नभरण राशि जारी नहीं होने से उनकी निशुल्क पढ़ाई पर संकट गहरा गया है।

शिक्षा विभाग ने सत्यापन के बाद बच्चों की रिपोर्ट निदेशालय भेज दी है। इसी के साथ यह कहा जा रहा है कि जिनकी रिपोर्ट सत्यापित होने के बाद ठीक रही तो उन बच्चों को पुनभर्रण राशि निश्चित रूप से मिलेगी। बच्चों के अभिभावकों को इनमें चिंतित नहीं होना चाहिए।

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