Rajasthan Forest News: राजस्थान के वन्य क्षेत्र के इतिहास में रविवार को एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) आज जयपुर (Jaipur) में आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व (Amagarh Leopard safari) का उद्घाटन करेंगे।
(Amagarh Leopard safari) यह देश का पहला ऐसा रिजर्व होगा, जहां एक साथ चार सफारी होंगी। उद्घाटन के बाद सफारी लोगों के लिए शुरू हो जाएगी। इसके बाद पिंकसिटी में पैंथर देखना आसान हो जाएगा। इसकी ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है।
राजधानी जयपुर पहला शहर होगा जहां दो लेपर्ड सफारी संचालित होगी। इससे पहले यहां हाथी सफारी भी जारी है। आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व (Amagarh Leopard safari) में 20 से ज्यादा पैंथर प्रवास कर रहे हैं। यहां आए दिन शावक भी देखे जा रहे हैं। जयपुर के जंगल में 70 से अधिक पैंथर हैं। जंगल को अट्रेक्ट बनाने के लिए पगमार्क के आकार की तलाई बनाई गई है। यहां वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए तीन पानी की तलाईयां भी बनाई गई हैं। एक तलाई को आकर्षक रूप देने के लिए बघेरे के पगमार्क का आकार दिया गया है। खास बात है कि सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं। तलाईयों में पानी की आपूर्ति के लिए मोटर संचालित होगी।
गौरतलब है कि राजस्थान की गुलाबी नगरी हमेशा से देसी विदेशी सैलानियों के लिए पहली पसंद रही है। अब यहां (Amagarh Leopard safari) सफारी के दौरान सैलानी न केवल पैंथर और अन्य दुर्लभ वन्य जीव की प्रजातियों को निहार सकेंगे, बल्कि रघुनाथगढ़ किला, जयगढ़, नाहरगढ़ किले के साथ ही हवामहल, मानसागर की पाल का भी आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा अरावली की सुरम्य पहाड़ियां, सनराइज और सनसेट पॉइन्ट भी सैलानियों के लिए खास होंगे।
आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व (Amagarh Leopard safari) में दो शिफ्ट की सफारी करवाई जाएगी। सुबह 5.30 बजे से सुबह 8 बजे तक और शाम को 4.45 बजे से शाम 7.15 बजे तक का समय तय किया है। गलता के विपश्यना केंद्र के पास बने सफारी के गेट से वाइल्ड लाइफ व्हीकल्स की एंट्रेंस और एग्जिट होगा। 16.36 वर्ग किलोमीटर के जंगल में डवलप्ड इस सफारी के लिए तीन रूट तैयार किए गए हैं। इनमें दो बड़े और एक छोटा रूट तैयार है।
पिछले कुछ समय से जयपुर में तेंदुओं (Amagarh Leopard Safari) की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ सफारी में करीब 70 तेंदुए रह रहे हैं। इनमें से 40 से ज्यादा झालाना लेपर्ड सफारी में हैं। वहीं, बढ़ती संख्या के साथ रिहायशी इलाकों में तेंदुए के आने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। पिछले एक साल में तेंदुआ नौ बार शहरी इलाकों में घुस आए थे।
नाहरगढ़ अभयारण्य की 720 हैक्टेयर भूमि पर मौजूदा समय में बायलॉजिकल पार्क, लॉयन सफारी डवलप किए जा चुके है और यहां पर्यटको की संख्या में भी दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। इसी एरिया में बने नाहरगढ़ बायॉलोजिकल पार्क में 285 दुर्लभ प्रजातियों के पक्षीयों देखने को मिलते है। इसे देखते हुए इस पार्क के पास खाली पड़ी लगभग 30 हैक्टर जमीन पर घने पेड़ लगाकर इसका दायरा और बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा जयपुर के जेएलएन मार्ग पर बने स्मृति वन की तर्ज पर बीड गोविन्दपुरा, कालवाड रोड के लगभग 100 हैक्टेयर वन क्षेत्र और बीड गोनेर के लगभग 160 हैक्टेयर वन क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।