Jat Mahakumbh: 5 मार्च को जाट भरेंगे हुंकार, राजस्थान में OBC आरक्षण 27% करने की मांग

Jat Mahakumbh: 5 मार्च को गुलाबी नगरी जयपुर में राजस्थान जाट महासभा एवं जाट संगठनों की ओर से जाट महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस महाकुंभ में राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के जाट एकत्रित होंगे। आखिर क्यों? पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
 Jat Mahakumbh In Jaipur
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Jat Mahakumbh: 5 मार्च को गुलाबी नगरी जयपुर में राजस्थान जाट महासभा एवं जाट संगठनों की ओर से जाट महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस महाकुंभ में राजस्थान नहीं बल्कि पूरे देश के जाट सम्मिलित होंगे।

जयपुर विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस विशाल महाकुंभ की तैयारियां कई महीनों पहले से ही शुरू हो गई है। पूरे प्रदेश में जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। घर-घर जाकर लोगों को महाकुंभ में शामिल होने के लिए न्यौता दिया जा रहा हैI

इसी के चलते 26 फरवरी को जाट समाज नारीशक्ति द्वारा राजधानी जयपुर के पत्रिका गेट से राजस्थान जाट महासभा कार्यालय तक E-रिक्शा रैली भी निकाली गई थी।

जाट महाकुंभ के मुख्य अतिथि बनेंगे उपराष्ट्रपति धनकड़

इस महाकुंभ में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, रालोपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नागौर, सांसद हनुमान बेनीवाल, विजय पूनिया,पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी सहित देशभर के कई राज्यों से जाट नेता सम्मिलित होंगे।

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जाट महाकुंभ का मुख्य मुद्दा होगा आरक्षण

5 मार्च 2023 को राजस्थान के जयपुर में आयोजित होने वाले इस जाट महाकुंभ का मुख्य मुद्दा OBC आरक्षण होगा। साथ ही इस महाकुंभ में जाट समाज से जुड़ी सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा।

इस महाकुंभ में कुछ मुख्य मुद्दों पर चर्चा होगी -

  • जातिगत जनगणना का संकल्प पारित करवाना।

  • सरकार से वीर तेजाजी बोर्ड का गठन करवाना।

  • OBC आरक्षण की वर्तमान विसंगतियों दूर करवाकर उसे उसकी जनसंख्या के अनुपात में लागू करवाना।

  • सामाजिक कुरीतियों जैसे मृत्युभोज, बाल विवाह, दहेज प्रथा समाप्त करने के लिए सकारात्मक सोच विकसित करना।

  • छात्र-छात्राओं के शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मंथन करना।

  • रोजगार प्राप्त करने में मदद हेतु समाज के शिक्षा के शिक्षाविदों, विचारको, बुद्धिजीवियों एवं विद्वानों को शामिल कर थिंक टेंक तैयार करना।

  • राजधानी जयपुर में जिलेवार जाट छात्रावासों का निर्माण करना।

  • खेल कूद में उभरते छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करना व आर्थिक सहयोग करना।

जाट महाकुंभ पर क्या बोले राजाराम मील

मीडिया से बात करते हुए राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने कि सरकार को जातिगत जनगणना करवानी चाहिए। बिना जातिगत जनगणना के किसी जाति के कितने लोग हैं, उन्हें कितना प्रतिनिधित्व और कितनी संरक्षण मिलना चाहिए, यह तय ही नहीं हो सकता।

न्यायसंगत आरक्षण और प्रतिनिधित्व तभी संभव है, जब जातिगत जनगणना करवाई जाए। हमारी मुख्य मांग जातिगत जनगणना करवाना और उसके अनुसार ओबीसी का आरक्षण कम से कम 27 प्रतिशत किया जाना चाहिए।

Rajaram Meel (President of Rajasthan Jat Mahasabha)
Rajaram Meel (President of Rajasthan Jat Mahasabha)

50 प्रतिशत वोट बैंक हाथ से जाने का डर

OBC में सर्वाधिक जातियां (करीब 92 जातियां) शामिल है। ऐसे में इस वर्ग की संख्या जैसे राजस्थान में लगभग 50-55 प्रतिशत है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों को इस वर्ग को अपने पक्ष में रखना बहुत जरूरी है। अगर उनकी मांग को ठुकराया जाता है, तो 50 प्रतिशत तक का वोट बैंक हाथ से जा सकता है।

इसलिए जाट समुदाय की इस मांग को मानकर जातिगत जनगणना कराना और सरकारी नौकरियों में जातियों की संख्या के हिसाब से नौकरियों में आरक्षण देना राजस्थान ही नहीं पूरे देश में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए बेहद ही मुश्किल है। फ़िलहाल सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस पर चुप्पी साधी हुई है।

केंद्रीय स्तर पर कुल 60 प्रतिशत और राजस्थान में 64 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है..

  • सर्वाधिक जातियों वाले (करीब 92 जातियां) अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को केंद्र में 27 प्रतिशत आरक्षण है और राजस्थान में 21 प्रतिशत।

  • अनुसूचित जाति (SC) वर्ग को केंद्र में 15 प्रतिशत आरक्षण है और राजस्थान में 16 प्रतिशत।

  • अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग को केंद्र में 7.5 प्रतिशत आरक्षण है और राज्य में 12 प्रतिशत।

  • मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC) को राजस्थान में 5 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है जिसमें गुर्जर सहित 5 जातियां आती है।

  • वहीं आर्थिक रूप से पिछड़ों (EWS) को केन्द्र और राज्य में 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।

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