Jodhpur Central Jail: धर्म परिवर्तन की जड़ें जेल तक! कैदी ने बताई आपबीती; जानें पूरा मामला

Jodhpur Central Jail: देश की सबसे सुरक्षित जेल में शुमार जोधपुर सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है, जेल के एक वार्ड में एक कैदी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है।
Jodhpur Central Jail: धर्म परिवर्तन की जड़ें जेल तक! कैदी ने बताई आपबीती; जानें पूरा मामला
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देश की सबसे सुरक्षित जेल में शुमार जोधपुर सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है, जेल के एक वार्ड में एक कैदी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर मारपीट करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों के मामले में विचाराधीन कैदी ने दूसरे कैदी का धर्म परिवर्तन कराया।

जेल प्रशासन ने नहीं की इस घटना की पुष्टि

विरोध करने पर 6 कैदियों ने उसकी पिटाई कर दी। इस घटना के बाद पीड़ित कैदी को इलाज के लिए जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया। घायल बंदी का एक्सरे समेत अन्य जांच की गई। पीड़ित बंदी के हाथ, मुंह और पसलियों में चोटें आई हैं। फिलहाल जेल प्रशासन ने इस घटना की पुष्टि नहीं की है।

जेल में बंद कैदी सुभाष बिश्नोई
जेल में बंद कैदी सुभाष बिश्नोई

रविवार की है घटना

जानकारी के अनुसार जेल के वार्ड नंबर 15 में बंद जालौर के बंदी सुभाष बिश्नोई को रविवार सुबह 11 बजे बाहर निकाला गया। उस दौरान बंद एटीएस द्वारा आतंकी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किए गए कैदियों ने उस पर हमला कर दिया। घायल बंदी सुभाष का पहले इलाज जेल की डिस्पेंसरी में किया गया। इसके बाद जेल प्रशासन ने देर शाम उसे महात्मा गांधी अस्पताल भेज दिया।

सुभाष बिश्नोई पर इस्लाम कबूल करने का मानसिक दबाव

यहां उनका एक्स-रे और अन्य टेस्ट किए गए। बताया जा रहा है कि कैदी के हाथ और पसलियों में फ्रैक्चर हुआ है। पीड़ित कैदी ने बताया कि आतंकी मामलों में बंद 6 कैदियों ने उसके साथ मारपीट की। डेढ़ माह से लगातार उस पर इस्लाम कबूल करने का मानसिक दबाव बनाया जा रहा था।

घायल कैदी का सनसनीखेज आरोप

हमले में घायल कैदी सुभाष ने कहा, 'मैं 3 दिन से जेल प्रशासन से मौखिक शिकायत कर रहा था। इसकी लिखित शिकायत देने के लिए मैं 3 दिन से कागज और कलम की मांग कर रहा था, लेकिन मुझे नहीं दिया गया। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी मेरी बैरक नहीं बदली गई। जेल प्रशासन ने आश्वासन दिया कि मेरी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है।

जेलर के आश्वासन पर मुझे राहत मिली। पीड़ित ने आगे कहा कि जेल सुबह 7 बजे खुलती है और 11 बजे बंद हो जाती है। वह शनिवार रात से रविवार सुबह 11 बजे तक जेल की बैरक में बंद था। सुबह 11 बजे आरोपी कैदियों को बंद किया जा रहा था। इसके बाद इन्हें खोल दिया गया।

'जेल में पढ़ी जा रही हिंदू विरोधी किताबें'

कैदी सुभाष ने बताया कि जब वह उनके पास से जा रहा था तो वकार, अशरफ व अन्य कैदियों ने अचानक उस पर हमला कर दिया। इसमें उनके कंधे और नाक पर चोटें आई हैं। बताया जाता है कि सुभाष पर हमला करने वाले कैदियों को एटीएस ने करीब 8-10 साल पहले आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

जेलर से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

पीड़ित कैदी ने बताया कि जेल के 15 नंबर वार्ड में हिंदू धर्म विरोधी किताबें पढ़ाई जा रही हैं। 3 दिन तक जेलर से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुभाष का आरोप है कि ये लोग कैदियों को हिंदू विरोधी किताबें पढ़ा रहे हैं। जेल में हिंदू विरोधी माहौल बनाया जा रहा है।

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