वकील का प्रचार स्टंट पड़ गया महंगा, High Court ने लगा दिया 25 हजार का जुर्माना

News: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने एक अधिवक्ता द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दो उपमुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण को चुनौती दी गई थी।
वकील का प्रचार स्टंट पड़ गया महंगा, High Court ने लगा दिया 25 हजार का जुर्माना
वकील का प्रचार स्टंट पड़ गया महंगा, High Court ने लगा दिया 25 हजार का जुर्माना

News: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने एक अधिवक्ता द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें दो उपमुख्यमंत्रियों  के शपथ ग्रहण को चुनौती दी गई थी।

इस याचिका में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी  और प्रेम चंद बैरवा  के शपथ को इस आधार पर अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी कि उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद नहीं है और इसलिए उनकी नियुक्तियों को रद्द किया जाए।

लगाया 25 हजार का जुर्माना

कार्यवाहक (नामित) मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, जनहित याचिका में कोई ठोस सामग्री नहीं है ,और यह केवल अधिवक्ता द्वारा किया गया प्रचार स्टंट है।

इसलिए अदालत ने जनहित याचिका खारिज कर दी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसका भुगतान याचिकाकर्ता को राज्य सरकार को करना होगा।

पिछले साल 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ दो उप मुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली थी।

अधिवक्ता ओम प्रकाश सोलंकी ने 16 दिसंबर को जनहित याचिका दायर कर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें दिलाई गई शपथ असंवैधानिक है।

उन्होंने जनहित याचिका में कहा कि ऐसा कोई संवैधानिक पदनाम नहीं है और उनकी नियुक्ति रद्द की जानी चाहिए।

1 महीने बाद आया फैसला

इस याचिका के दायर होने के बाद पूरे राज्य में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। हर गली कोने पर लोग इसी पर चर्चा कर रहे थे, और एक दूसरे से डिस्कस कर रहे थे कि अदालत का इस पर क्या स्टैंड होगा।

हालांकि करीब 1 महीने के बाद अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। शुरुआत से लेकर अभी तक इस मामले पर राज्य सरकार के किसी नेता की तरह से कोई बयान नहीं दिया गया है।

वकील का प्रचार स्टंट पड़ गया महंगा, High Court ने लगा दिया 25 हजार का जुर्माना
Ram Mandir: अगर आप भी जा रहे हैं रामलला के दर्शन करने तो जान ले मंदिर का सही समय
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com