Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही बुधवार को प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। प्रश्नकाल में जनहित मुद्दों पर सवाल पूछे गए। कई सवालों पर मंत्री घिरे नजर आये तो कई सवालों पर विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। सदन में सदस्यों ने पानी, बिजली, शिक्षा, किसान ऋण माफी सहित कई मुद्दों पर सवाल लगे।
होमगार्ड जवानों के संबंध में सदन में लगे एक सवाल के जवाब में होमगार्ड मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने साफ कर दिया कि सरकार ने कभी भी होमगार्ड जवानों को नियमित करने का वादा नहीं किया और न ही इन्हें इस तरह की कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधा का लाभ देने की आगे मंशा रखती हैं। गुढ़ा ने कहा कि होमगार्ड सिर्फ और सिर्फ स्वयंसेवक है, वह कर्मचारी नहीं है। मंत्री के इस जवाब से प्रदेश के होमगार्डों को बड़ा धक्का लगा है।
दरअसल बारां अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने सदन में सवाल पूछा कि क्या सरकार स्वयंसेवक यानी होमगार्ड जवानों को नियमित करने की मंशा रखती है? इसके जवाब में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि बजट में सरकार ने कोई 12 हजार पदों पर भर्तियों की घोषणा नहीं की। सरकार होमगार्ड जवानों को नियमित नहीं करेगी।
मंत्री ने कहा कि सामान्य व्यक्तियों की तरह उन्हें भी चिरंजीवी योजना में स्वास्थ्य का लाभ मिलेगा। सरकार ने इन्हें 10,000 ड्यूटी देने की घोषणा की थी। वह ड्यूटी सरकार की ओर से अलग-अलग विभागों में आवश्यकता के अनुसार दी जा रही है।
दिसंबर, 2022 में प्रदेश के होमगार्ड जवानों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। नियमित रोजगार सहित अन्य मांगों को लेकर जवानों ने शहीद स्मारक पर धरना दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं देती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
इस दौरान राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में बजट सत्र 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12 हजार होमगार्ड जवानों को कानून व्यवस्था और सरकारी कार्यालयों में लगाने की घोषणा भी की थी। लेजिन 4 साल बीत चुके पर आज तक सरकार ने वह घोषणा भी लागू नहीं की।
अब यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सरकार बजट घोषणा के अनुसार प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को निमतित करेगी भी या नहीं। बुधवार को सदन में मंत्री गुढ़ा की घोषणा से जहां होमगार्ड जवानों को घक्का लगा है, वहीं संविदा कर्मचारी भी आशंकित हैं। इसके पीछे कारण भी है। गहलोत सरकार ने बजट घोषणा में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा तो कर दिया, लेकिन इस संबंध में कोई गाइड लाइन नहीं बताई। इसी साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार वादा कब पूरेगी, करेगी भी या नहीं इस पर संशय बरकार है।
राजस्थान की 1।35 करोड़ महिलाओं को अब फ्री स्मार्ट फोन और फ्री इंटरनेट नहीं मिलेगा। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने साल 2022 में पेश किए बजट में महिलाओं को यह सौगात देने की घोषणा की थी, लेकिन विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण में इस योजना का कोई जिक्र नहीं मिला। लिहाजा ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इन चर्चाओं को इसलिए भी बल मिलता है क्योंकि सरकार ने अभी तक स्मार्टफोन खरीदे तक नहीं है और ना ही इसके लिए कोई टेंडर निकाले हैं। यहाँ तक कि मंत्रियों के पास भी इस योजना के पूरा नहीं होने का जवाब नहीं है।