Rajasthan Election 2023: मेवाड़ का इतिहास ही गौरव गाथाओं से भरा है। तब सत्ता के लिए तलवारें टकराती थी। अब संघर्ष में चुनावी नारे टकरा रहे हैं।
सूरजपोल पहुंचा तो सड़क किनारे चुनावी चर्चा में कुछ लोग मशगूल दिखे। चुनाव हो या न हो सूरजपोल पर सियासत बारह महीने चरम पर रहती है।
मतदान में दो दिन का समय बचा है। मेवाड़ की राजधानी के रूप में पहचान रखने वाला उदयपुर इस चुनाव में गुलाबचंद कटारिया की कमी महसूस कर रहा है।
चर्चा चुनाव की है तो सक्रिय राजनीति से असम के राज्यपाल बने कटारिया का जिक्र भी हुआ। यहां भाजपा-कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार नए हैं।
भाजपा-कांग्रेस की बहस जब ज्यादा गर्म हो चली तो चाय पीते-पीते मनमोहन बोले, नेताओं की क्या बात करना। नेता सिर्फ लेना जानता है, देना नहीं।
रास्ते में कोई खास चुनावी माहौल नजर नहीं आ रहा। तभी सामने खड़े ऑटो चालक खेमराज बोले, कहां जाना है...मैंने कहा, उदयपुर में क्या खास जगह है।
खेमराज ने कहा, पूरा उदयपुर ही खास है। मेरा पहला सवाल, बताओ चुनाव में कौन किस पर भारी पड़ रहा है। रहने भी दो! चलो ठीक है राजनीति की बातें छोड़ो, बताओ कांग्रेस-भाजपा के चुनावी मुद्दे क्या हैं?
कुछ देर रुक कर खेमराज दलों के मुद्दे कुछ भी हों पर उदयपुर ने दिशा तय कर ली है। दिग्गज राज्य से बाहर चले गए हैं..पर उनकी विचारधारा बोल रही है।
जो समझना है बस समझ जाइए। यहां भाजपा के ताराचंद जैन और कांग्रेस के गौरव वल्लभ के बीच टक्कर है।
बात खुलकर बताने का जमाना नहीं : यहां से आगे बढ़ा तो मेवाड़ी गली के पास प्रियांशु से मुलाकात हुई। पूछने पर बोले, मेरा पहली बार वोट डलेगा। कौनसा प्रत्याशी पसंद है ये बात खुलकर बताने का जमाना नहीं है, आपको पता नहीं क्या।
उदयपुर में कैसी-कैसी घटनाएं हो चुकी हैं। सूरजपोल के सरकारी स्कूल के सामने नाश्ते की स्टॉल पर कई लोग खड़े हैं।
कारपेंटर रमेश बोले, चुनाव का ही इंतजार था, उदयपुर ने जो दर्द झेला वही असल मुद्दा है। कुछ बदलाव होगा, ऐसा नहीं लगता।
कुछ दूर चलने पर उदयपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र आ गया। भवन निर्माण के काम से जुड़े रिपुदमन बोले, हम तो काम धंधे वाले आदमी हैं, इसलिए यही कहूंगा दोनों में बराबरी की टक्कर है। मगर कुछ बड़ा बदलाव होगा, ऐसा नहीं लगता।
उदयपुर ग्रामीण से कांग्रेस के डॉ. विवेक कटारा और भाजपा के फूलसिंह मीना के बीच मुकाबला है।
रीट के पेपर लीक होने से नाराजगी : अगले दिन सुबह उदयपुर से बांसवाड़ा जाते समय रास्ते में सलूम्बर में बस स्टैंड पर अर्जुन ने कहा, कौन मजबूत है, यह कहना मुश्किल है।
बस में डूंगरपुर जिले की आसपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी शंकर से चर्चा हुई, तो वे बोले यहां किसी दल विशेष का माहौल नहीं है। रीट के पेपर लीक होने से नाराजगी है।
प्रत्याशी का व्यवहार देखकर मतदान होगा। यहां जनजातीय वोटों का बंटवारा ज्यादा होगा। इसलिए त्रिकोणीय मुकाबला है।
भाजपा ने मौजूदा विधायक गोपीचंद मीना और कांग्रेस ने नए चेहरे राकेश रोत को टिकट दिया है। बीएपी से उमेश मीना मैदान में हैं।
मुद्दे सिर्फ चुनाव जीतने के लिए: बांसवाड़ा में बस स्टैंड के बाहर निकलते ही बाहुबली कॉलोनी निवासी अरूण ने बताया कि यहां दलों के मुद्दे सिर्फ चुनाव जीतने के लिए होते हैं।
तभी बाहर खड़े सदानंद बोले- भाजपा पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही है। यही मुद्दा है। यहां कांग्रेस से मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया और भाजपा से पूर्व मंत्री धनसिंह रावत मैदान में हैं।
प्रत्याशियों से मतदाता सवाल कर रहे हैं, भर्ती प्रक्रिया में धांधली बंद करने की गारंटी कौन लेगा? इसलिए कुशलगढ़, गढ़ी, बागीदौरा और घाटोल में भी प्रत्याशियों के पसीना आ रहा है।
चित्तौड़गढ़ में त्रिकोणीय संघर्ष : बांसवाड़ा से चित्तौड़गढ़ जाते समय बस में मोतीराम से बात हुई, वो बोले, इस बार धरियावद व प्रतापगढ़ में कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर है।
कांग्रेस को ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा है। निम्बाहेड़ा से बस में सवार हुए किशोर ने बताया, यहां भाजपा के श्रीचंद कृपलानी और कांग्रेस के आंजना उदयलाल में ही मुकाबला है।
भक्ति और शक्ति की भूमि चित्तौड़गढ़ पहुंचा तो यहां त्रिकोणीय संघर्ष दिखा। रेलवे स्टेशन के पास भड़किया गांव के सत्यनारायण ने बताया कि भाजपा के बागी ने चुनाव का गणित बदल दिया है।
कांग्रेस से सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत, भाजपा से नरपत सिंह राजवी और निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रभान सिंह आक्या मैदान में है।
थोक फल-सब्जी मंडी में कन्हैयालाल ने कहा, पिछले पांच साल में युवाओं को स्थानीय उद्योगों में रोजगार नहीं मिल पाया। यह भी मुद्दा है।
इसके अलावा अफीम किसानों की समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस मुद्दे का असर चुनाव में दिखेगा।
शाम के साढ़े पांच बजे नाथद्वारा में बस स्टैंड के पास फ्लाईओवर के नीचे फल-सब्जी की दुकान के पास कई लोग खड़े हैं।
हितेश बोले जातिगत समीकरणों के चलते इस बार भाजपा और कांग्रेस में टक्कर है। भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी के सामने विश्वराज सिंह मेवाड़ को उतारा है।
श्रीनाथजी के मंदिर के रास्ते में दिनेश माहेश्वरी कार में बैठने की तैयारी में है, उनसे पूछा नाथद्वारा की जनता क्या मूड है।
इस पर बोले, मैं राजसमंद से हूं, मैंने कहा, वहीं का बता दीजिए। जवाब मिला, वहां कुछ नहीं बदलने वाला।
राजसमंद में कांग्रेस के नारायण सिंह भाटी और भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी के बीच सीधा मुकाबला है।
उदयपुर संभाग से 241 प्रत्याशी मैदान में
उदयपुर संभाग की 28 सीटों पर 241 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं और गढ़ी और बड़ी सादड़ी सीट पर सबसे ज्यादा 12-12 प्रत्याशी हैं।
बीटीपी और बीएपी की एंट्री से जनजाति मतों का बंटवारा भी ज्यादा हो गया है। ऐसे में कई सीटों पर गैर जनजाति के मतों से जीत का ताला खुलने के आसार हैं।