देश के समग्र विकास के लिए नेता और प्रशासन संयोजक कड़ी है, जिनमें संयोजन बना रहना जरूरी है। लेकिन प्रदेश के नेताओं की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों पर बात ना सुनने व साथ में मिलकर काम ना करने के आरोप लगते रहे है।
इसी कड़ी में नागौर सांसद बेनीवाल, कांग्रेस सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक रफीक खान ने जिला प्रशासन पर आदेश ना सुनने व हल्के में लेने का आरोप लगाया है, जबकि राज्य सरकार में पर्यटन मंत्री ने जिला प्रशासन से नाराजगी जताते हुए जनसुनवाई तक निरस्त कर दी।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने जिला प्रशासन पर आदेशों को हल्के में लेने का आरोप लगाया है। बेनीवाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। बेनीवाल ने पत्र में लिखा कि ऐसा कृत्य करना जिले तथा उक्त कमेटी की महत्ता के प्रति संवेदनहीनता को प्रकट करता है। भविष्य में इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
प्रशासन की ओर से 9 मई को आयोजित की गई जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में सांसद की ओर से दिए गए निर्देशों को कार्यवाही विवरण में शामिल तक नहीं किया गया।
बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारी केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटियों की बैठकों को औपचारिकता पूरी करने के लिए करते है। बैठकों में लिए जाने वाले निर्णय कई महीनों तक लागू नहीं किए जाते। कमेटियों के सदस्य नाराजगी भी जाहिर करते है, लेकिन अधिकारी अगली बैठक में सुधार करने की बात कहकर टाल जाते है।
कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने एक ही दिन में दो बार जिला प्रशासन पर निशाना साधा है। सिंह अधिकारियों से इतने नाराज हो गये की जनसुनवाई ही निरस्त कर डाली। उन्होंने कुम्हेर गेट के पास हुए एक सम्मान समारोह में कहा कि अधिकारी जनसुनवाई में आई समस्याओं का निस्तारण ही नहीं करते हैं। ऐसे में जनसुनवाई करने का मतलब ही क्या है। इसलिए मैंने 3 अगस्त को सर्किट हाउस में प्रस्तावित जनसुनवाई को निरस्त कर दिया है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद नगर निगम आयुक्त से कहा कि आप मेरे परिवादों को फाड़ देते हो, उनकी सुनवाई तक नहीं करते हो। ऐसा क्यों?
इससे पहले सिंह ने दोपहर में जिला प्रशासन के अधिकारियों पर अपनी भड़ास निकाली। जनसुनवाई में लोग दूर-दराज से आते है, लेकिन फरियादियों के काम नहीं होते। अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करते। ऐसी जनसुनवाई से क्या फायदा।
कांग्रेस विधायक व राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान ने प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को लेकर जिला स्तर के अधिकारियों पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है। इस बारे में खान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिकायत भी की है।