मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र में सरकारी निकायों द्वारा निर्मित बहुमंजिला भवनों की आवासीय इकाइयों और फ्लैट्स की लीज डीड पर भी छूट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव के अनुमोदन से अब आमजन को आवासन मण्डलों, राजकीय उपक्रमों व नगरीय निकायों द्वारा निर्मित बहुमंजिला भवनों में 50 लाख रूपए तक की आवासीय इकाइयों व फ्लैट्स की लीज डीड पर 6 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी ही देनी होगी। साथ ही वरिष्ठजनों के लिए नगरीय निकायों द्वारा आवंटित व विक्रीत भूखण्डों के लिए जारी लीजडीड पर स्टाम्प ड्यूटी 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत तथा पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2022-23 में शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला भवनों में 50 लाख रुपए तक की आवासीय इकाइयों में स्टांप ड्यूटी पर दी गई 2 प्रतिशत रियायत अब तक सिर्फ निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित बहुमंजिला आवासीय भवनों की सेल डीड्स और कन्वेंस डीड्स पर ही लागू हो पा रही थी। सरकारी निकायों द्वारा निर्मित आवासीय भवनों में सेल डीड के स्थान पर लीज डीड होने के कारण ये छूट लागू नहीं थी। यही स्थिति वरिष्ठजनों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में दी गई छूट में थी। गहलोत द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन के पश्चात सरकारी निकायों द्वारा निर्मित बहुमंजिला भवनों के मामलों में जारी लीज डीड पर तथा वरिष्ठजनों के पक्ष में जारी लीजडीड पर भी रियायतें मिल सकेंगी तथा बजट घोषणा के लाभार्थियों का दायरा बढ़ सकेगा।