राजस्थान: निगम अफसरों की मनमानी, बिना महापौर के हस्ताक्षर बांट दिए पट्टे

राजधानी हैरिटेज नगर निगम में अधिकारियों की मनमानी के चलते बिना महापौर के हस्ताक्षर के 3 हजार से अधिक पट्टे बांट दिए गए। ये पट्टे जोन स्तर पर ही जारी कर दिए गए। महज 360 पट्टे ही नियमों के तहत बांटे गए हैं।
राजस्थान: निगम अफसरों की मनमानी, बिना महापौर के हस्ताक्षर बांट दिए पट्टे
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राजधानी जयपुर के हैरिटेज नगर निगम में अधिकारी अपनी मनमानी के हिसाब से पट्टा जारी कर रहे हैं। हैरिटेज निगम में नियम के मुताबिक 3500 से अधिक पट्टा जारी किए जाने थे, लेकिन अधिकारियों ने इनमें से 3 हजार से अधिक पट्टे बिना महापौर के हस्ताक्षर के बांट दिए।

हैरिटेज निगम के ये पट्टे किशनपोल, हवामहल-आमेर, आदर्श नगर और सिविल लाइन्स जोन में जारी हुए हैं। अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर और राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए 3500 से अधिक पट्टों में से करीब 3 हजार पट्टे बिना मेयर के हस्ताक्षर किए बिना बांट दिए। महज 360 पट्टे ही नियमों के तहत बांटे गए हैं।

पत्र का जबाब आया नहीं और बिना हस्ताक्षर जारी कर दिए पट्टे

इस पूरे मामले के पीछे तत्कालीन आयुक्त अवधेश मीणा का हाथ बताया जा रहा है। जिन्होंने 1 अक्टूबर, 2021 को पत्र लिखकर डीएलबी को भेजा था। जिस पत्र में लिखा था कि जयपुर हैरिटेज के मामले में जोन स्तर पर एकल हस्ताक्षर को अधिकृत किए जाने का श्रम करें। हालांकि, अब तक इस पत्र का कोई जवाब सरकार से नहीं आया और हैरिटेज निगम ने अपनी मनमानी दिखाते हुए इस पर काम शुरू कर दिया और महापौर के बिना हस्ताक्षर के जोन स्तर पर ही पट्टे जारी हो रहे है।

सरकार ने पहले ही कर दिया था साफ, महापौर के हस्ताक्षर अनिवार्य

आपको बता दें कि तत्कालीन आयुक्त मीणा के पत्र लिखने से पहले सरकार ने साफ करते हुए 17 सितम्बर, 2021 को स्वायत्त शासन विभाग ने निकायों को पत्र लिख कहा कि पत्रावली पेश होने के 15 दिन में महापौर पट्टे पर हस्ताक्षर करेंगे। बाद में इसे 3 दिन कर दिया गया।

इसके बाद 28 सितम्बर, 2021 को प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए जारी हुए मंत्रिमंडलीय ज्ञापन में भी साफ कर दिया गया कि महापौर के हस्ताक्षर अनिवार्य है।

मेरे आने से पहले एकल हस्ताक्षर से पट्टा जारी करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने अनुमति मांगी थी। वो अभी तक लम्बित है। राज्य सरकार जो भी निर्णय करेगी, उसी हिसाब से काम किया जाएगा। -विश्राम मीणा, आयुक्त हैरिटेज नगर निगम

आखिर महापौर के हस्ताक्षर जरूरी क्यूं?

राजस्थान नगरीय भूमि निष्पादन नियम 1974 के नियम 26 में प्रावधान है।

स्टेट ग्रांट एक्ट के पट्टे जारी किए जाने में भी महापौर के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।

धारा 69-ए के तहत गैर कृषि उपयोग की भूमि के फ्री होल्ड पट्टे जारी करने के दौरान भी हस्ताक्षर का प्रावधान है।

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