आधुनिक तकनीक से बनकर तैयार हुई प्रदेश की पहली सुरंग

राजस्थान की सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है। दौसा-गंगापुर सिटी रेलवे लाइन पर डीडवाना के पास लगभग 2.3 किलोमीटर लंबी रेल सुरंग का काम पूरा हो चुका है। यह पहली रेल सुरंग है, जिसमें जर्मन तकनीक से गिट्टी रहित ट्रैक बनाया गया है।
आधुनिक तकनीक से बनकर तैयार हुई प्रदेश की पहली सुरंग
आधुनिक तकनीक से बनकर तैयार हुई प्रदेश की पहली सुरंग

राजस्थान की सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है। दौसा-गंगापुर सिटी रेलवे लाइन पर डीडवाना के पास लगभग 2.3 किलोमीटर लंबी रेल सुरंग का काम पूरा हो चुका है।

यह पहली रेल सुरंग है, जिसमें जर्मन तकनीक से गिट्टी रहित ट्रैक बनाया गया है। यहां पटरियों के दोनों ओर कंक्रीट-सीमेंट बिछाई गई है। टनल में स्वीडन निर्मित वीएचएफ रिमोट यूनिट लगाई गई है।

सुरंग में लगे वायरलैस फोन

टनल में ट्रेन चालक, स्टेशन मास्टर और गार्ड वायरलैस पर बात कर सकेंगे। अनाउंसमेंट माइक भी लगाए हैं ताकि अंदर कोई काम कर रहा हो और ट्रेन आ जाए तो सूचना दी जा सकें।

प्रदेश की मौजूदा रेल सुरंगों में ये सुविधाएं नहीं है। रेलवे ने टनल में चार जगह ये मशीनें लगाई हैं। वायरलैस कॉलिंग मशीनों की मास्टर यूनिट टनल के बाहर बने स्टेशन मास्टर कक्ष में रहेगी।

लाइट बंद होने पर भी मशीनें चालू रखने के लिए यूपीएस बैटरियां लगाई हैं। टनल में वेंटिलेशन रखे हैं। इसमें शॉफ्ट के माध्यम से बाहर से हवा सुरंग में आती रहेगी।

इससे टनल के अंदर वेंटिलेशन बना रहेगा औऱ काम कर रहें मजदूरों का पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाएगी। इस टनल को तैयार करने में 1020 करोड़ रुपए खर्च हुए है।

भूमिगत सुरंग के एक ओर 740 मीटर कट एंड कवर सुरंग बनाई गई है। मिट्‌टी का कटाव रोकने के लिए मेटिंग बिछाई गई है।

इसे मिट्‌टी के ऊपर चटाई की तरह डाल देते हैं। ऊपर से हल्की मिट्‌टी डालकर घास उगा दी जाती है। इससे मिट्‌टी का कटाव रुकता है।

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