राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) के अधिकारी आसाराम गुर्जर का शव जंगल में एक पेड़ पर लटका मिला। हाल ही में उनका तबादला करौली के मासलपुर में तहसीलदार के पद पर हुआ था। वह गुरुवार से अवकाश पर थे। मामला शनिवार को धौलपुर के बाड़ी थाना क्षेत्र के गढ़ी जाखौदा गांव का है।
बाड़ी सदर थाना प्रभारी हीरालाल ने बताया कि आरएएस अधिकारी आसाराम गुर्जर (35) पुत्र दीवान सिंह गुर्जर निवासी गांव गढ़ी जाखौदा का हाल ही में अलवर के नौगांव से करौली के मासलपुर तहसील में तबादला हुआ था।
उन्होंने 10 नवंबर को तहसीलदार के पद पर ड्यूटी ज्वाइन की थी। गुरुवार को वह छुट्टी लेकर गांव गढ़ी जखौदा आए थे। आसाराम शनिवार सुबह करीब साढ़े दस बजे घर से जंगल की ओर निकला थे।
घर से एक किलोमीटर दूर पेड़ पर लटका शव लटका हुआ था। बकरी चरा रहे व्यक्ति ने जैसे ही देखा तो उसने इसकी जानकारी परिजनों को दी। दोपहर 12 बजे परिजन शव को नीचे उतार कर जिला अस्पताल ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने आसाराम को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शाम करीब चार बजे मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
परिजनों ने बताया कि आसाराम गुर्जर चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। तीन अन्य भाई भी सरकारी नौकरी करते हैं। सबसे बड़ा भाई शिक्षक है, दूसरा भाई आरएसी में है और सबसे छोटा भाई भी शिक्षक है। उनके पिता भी एक सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षक हैं।
आसाराम की शादी करीब डेढ़ साल पहले उत्तर प्रदेश के लुहारी गांव में हुई थी, आसाराम की करीब 5 महीने की एक बेटी भी है। आसाराम की पत्नी हाउस वाइफ हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसने आत्महत्या की है या किसी ने हत्या कर शव को लटकाया है। हालांकि लोगों का कहना है कि बार-बार तबादलों से आसाराम काफी परेशान रहते थे।
मृतक आसाराम गुर्जर के पिता दीवान सिंह का कहना है कि आसाराम पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। आगरा में एक डॉक्टर से उसका इलाज चल रहा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में दो दिन पहले आसाराम को गांव बुलाया गया था, जिसे जयपुर में डॉक्टर को दिखाना था, लेकिन अचानक जंगल में खेत पर शव लटका मिला। सब कुछ अब खत्म हो गया है।