राजस्थान में बड़ी मुश्किल से कंट्रोल में आई आरक्षण की ज्वाला एक बार फिर से भड़क गई है। यहां भरतपुर संभाग में अब माली समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर तीन दिन से आंदोलन पर हैं। इसे लेकर आंदोलनकारी कई नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम कर रहे हैं। हाथों में लाठी-डंडे लेकर हजारों की संख्या में सड़कों पर डटे हैं। आंदोलन को देखते हुए जिला कलेक्टर ने कई क्षेत्रों में इंटरनेट की सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी है। गौरतलब है कि माली, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज ने अलग से 12% आरक्षण देने की मांग की है।
समाज का कोई प्रतिनिधि बातचीत के लिए नहीं पहुंचा
जानकारी अनुसार भरतपुर के अरोडा गांव के राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज की नाकेबंदी तीसरे दिन भी मंगलवार को जारी है। सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागायुक्त सनवर्मल वर्मा को आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज के लोगों से बात करने की अनुमति दी गई है। अभी तक समाज का कोई प्रतिनिधि बातचीत के लिए नहीं पहुंचा है। मंत्री कल से माली समाज के लोगों से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। उधर, संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने भरतपुर के चार शहरों में इंटरनेट बंद अगले 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है। अब बुधवार सुबह 11 बजे तक इंटरनेट बंद रहेगा।
नेटबंदी बुधवार सुबह 11 बजे तक
भरतपुर की नदबई, वैर, भुसावर और उचैन तहसीलों में 13 जून को इंटरनेट सेवा बंद को 14 जून से बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया है। अब बुधवार सुबह 11 बजे तक इन चारों में नेटबंद रहेगा। तहसील सोसायटी की ओर से 31 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। लेकिन बातचीत के लिए कोई नहीं पहुंचा। सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी बातचीत का न्योता भेजा है, लेकिन उसके बाद भी माली समुदाय की ओर से कोई प्रतिनिधि बातचीत के लिए नहीं गया है।
समाज से विश्ववेंद्र सिंह ने कहा, ताली दोनों हाथ से बजती है, मेरी अधिकृत होने की पुष्टि हो गई है
इस मामले में सरकार की तरफ से अधिकृत हुए मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मुहावरा देत हुए कहा कि ताली दो हाथों से बजती है, माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज ने नेशनल हाईवे जाम कर रखा है। आज तीसरा दिन है। सरकार ने अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर लिए, पहले समाज के लोगों का कहना था कि विश्वेंद्र सिंह वार्ता के लिए अधिकारिक व्यक्ति नहीं है। अब मेरी और संभागीय आयुक्त की आधिकारिक पुष्टि भी हो गई है। आज सुबह वार्ता के लिए समाज के लोग आने वाले थे। आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने एक लिस्ट भेजी है। कहा है कि मैंने इन्हें अधिकृत कर दिया है। उन्होंने कहा है मैं नहीं आऊंगा वार्ता करने के लिए।
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने एक लिस्ट भेजी है। कहा है कि मैंने इन्हें अधिकृत कर दिया है। उन्होंने कहा है मैं नहीं आऊंगा वार्ता करने के लिए।
अभी राजस्थान में आरक्षण की स्थिति क्या है?
राजस्थान में फिलहाल 64 प्रतिशत आरक्षण है। इसमें से ओबीसी का हिस्सा 21 प्रतिशत है जिसमें 92 जातियां शामिल हैं। माली समाज भी इनमें शामिल है। लेकिन इन्होंने अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण मांगा है। इनकी दलील है कि इनके समाज को नौकरियों में अशानुकूल प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल प्रदेश में ओबीसी को 21 प्रतिशत, एससी को 16 प्रतिशत, ईडब्लूएस को 10 प्रतिशत, एमबीसी को 5 प्रतिशत व एसटी को 12 प्रतिशत आरक्षण हासिल है।
चक्काजाम में किसी बुजुर्ग को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा
मंत्री ने कहा कि हम बातचीत के लिए बैठे हैं। अगर उनका व्यवहार इसी तरह चलता रहा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। अब तक हम शांति बनाए हुए है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि समाज के लोगों को यहां आकर बात करनी चाहिए। ताकि हाईवे खुल सकें और लोगों को राहत मिल सके। आपकी बात आगे तक पहुंचे। समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नेता नहीं है। कोई नेता हो तो बात करने आना चाहिए। चक्का जाम में बुजुर्ग और महिलाएं बैठे हैं, यदि किसी के साथ कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। मैं आंदोलनकारियों से अनुरोध करता हूं कि जिले में शांति स्थापित करें, अराजकता फैलाने की जरूरत नहीं है।
आंदोलनकारी बोले: चक्काजाम से पहले 33 जिलों के कलेक्टर तहसील स्तर पर SDM को ज्ञापन दिया, लेकिन किसी ने नहीं सुनी
आंदोलनकारियों कि उन्हें जनसंख्या के आधार पर 12 प्रतिशत आरक्षण मिले। इसे लेकर उन्होंने 33 जिलों के कलेक्टर तहसील स्तर पर एसडीएम को ज्ञापन दिया है। समाज की मांगों पर ध्यान नहीं देने पर समाज के लोगों ने 12 जून को चक्का जाम की घोषणा की। इससे पहले महापंचायत भी हुई थी। जब सरकार का कोई प्रतिनिधि महापंचायत में समाज के लोगों से बात करने नहीं पहुंचा तो शाम चार बजे समाज के लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर आकर बैठ गए और राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह से बंद कर दिया।
कलेक्टर को दो टूक कहा-मांग नहीं मानी तो आंदोलन जारी रहेगा
वहीं जिला कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने समाज के प्रतिनिधियों से आरक्षण आंदोलन को लेकर चर्चा की। लेकिन समाज के लोगों का कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार का प्रतिनिधि वार्ता के लिए नहीं आएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि उन्होंने समाज के लोगों से हाईवे छोड़कर पास की जमीन पर शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन करने की अपील की है।