RTH Bill: राइट टू हेल्थ बिल को लेकर लंबे समय चल रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। बिल के विरोध में लंबे समय से आंदोलन कर रहे चिकित्सकों की हड़ताल सरकार से वार्ता के बाद अब समाप्त हो गई है। हालांकि हड़ताल समाप्त करने के अधिकारी घोषणा होना अभी बाकी है।
मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ डॉक्टरों की मंगलवार को उनके आवास (मुख्य सचिव) पर बैठक हुई, जिसमें मांगों पर सहमति बनी है। हालांकि, प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम सोसाइटी ने हड़ताल खत्म होने की अधिकारिक घोषणा की नहीं, लेकिन उन्होंने वार्ता के सफल होने की बात कही है।
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सरकार से चर्चा के बाद निजी चिकित्सक संघर्ष समिति के सचिव डॉ. विजय कपूर ने कहा कि सभी डॉक्टर्स के सामने बैठक में आठ बिंदु में जो सहमति बनी है वो सभी डॉक्टर के सामने रखी जाएंगी, जिसके बाद हड़ताल खत्म हो जाएगी। जानकारी के अनुसार आंदोलन के दौरान डॉक्टरों पर जो मुकदमें दर्ज किए गए थे वो भी वापस ले लिए जाएंगे। निजी चिकित्सक संघर्ष समिति के सचिव डॉ. विजय कपूर ने वार्ता के बाद कहा कि सकरात्मक माहौल में चर्चा हुई। उधर, महारैली को लेकर राजधानी में प्रदेशभर के डॉक्टर एकत्र हुए हैं।
राइट टू हेल्थ में 50 बेड क्षमता वाली मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अलावा बिना किसी सरकारी मदद के चल रहे निजी अस्पताल इस विधेयक के बाहर होंगे।
राइट टू हेल्थ के दायरे में निजी मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर संचालित अस्पताल आएंगे।
साथ ही वह अस्पताल जिन्होंने रियायती दरों पर सरकार से जमीन ली है। वह सभी अस्पताल जो ट्रस्ट की तरफ से संचालित किए जा रहे हैं वह इसके के दायरे में आएंगे।
चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान पुलिस केस या अन्य तरह के मुकदमों को रद्द किया जाएगा।
अस्पतालों से जुड़े मामलों में अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा।
अग्निशमन एनओसी हर 5 साल में कंसीडर की जाएगी।
भविष्य में किसी तरह के नियम कायदे बनाए जाने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 2 प्रतिनिधियों की भी मंजूरी ली जाएगी।
कोटा मॉडल और सिंगल विंडो ग्रीवेंस सिस्टम लागू करने पर सहमति बनी।
राइट टू हेल्थ बिल से निजी अस्पतालों को आपातकाल या इमरजेंसी की स्थिति में निःशुल्क इलाज करना पड़ेगा। स्वास्थ्य के अधिकार वाले इस बिल में गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज को रेफर किए जाने के हालत में अस्पताल को एंबुलेंस की व्यवस्था खुद करना पडे़गा। इसके तहत प्राइवेट हॉस्पिटल्स को सरकारी योजना के अनुसार, हर बीमारी का फ्री इलाज होगा। आरटीएच बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनके जरिए आम जनता को वक्त पर और सही इलाज मिल सकेगा।
वहीं, दूसरी ओर निजी डॉक्टरों में भी दो फाड़ की बात भी सामने आ रही है। प्राइवेट डॉक्टर दो गुट में बंट गए हैं। आठ बिंदुओं पर सहमति के बाद भी डॉक्टरों का एक गुट मांगों पर अड़ा हुआ है। समझौते के बाद भी राजधान की सड़कों पर डॉक्टरों का एक बड़ा रेला निकल पड़ है।
राजस्थान विधानसभा में 21 मार्च 2023 दिन मंगलवार को राइट-टू-हेल्थ बिल पास हुआ था। बिल पेश करते हुए विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा था कि इस बिल को विपक्ष के कहने पर ही प्रवर समिति को भेजा गया था। इस पर प्रवर समिति की 6 बैठकें हुई थी। हेल्थ मिनिस्टर ने कहा था कि सभी सदस्यों की बातों को इस बिल में शामिल किया गया है। हालांकि, इस बिल के विरोध में निजी चिकित्सक आंदोलन कर रहे थे।